5 साल से व्हीलचेयर और असहनीय पीड़ा: अब राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु, पढ़ें इंदौर के शिक्षका की दर्दभरी कहानी

इंदौर की शिक्षक चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु की अनुमति।
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इंदौर की शिक्षक चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु की अनुमति। 

इंदौर की दिव्यांग शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी, कहा– आत्महत्या नहीं करूंगी, लेकिन दर्द असहनीय है।

Indore teacher Chandrakanta Jethani: मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। जूनी इंदौर क्षेत्र के सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु (Euthanasia) की अनुमति मांगी है। उन्होंने पत्र में बताया कि मैं आत्महत्या नहीं करूंगी, क्योंकि छात्रों को जीने का साहस सिखाती हूं, लेकिन मेरा दर्द अब असहनीय हो गया है।

गलत सर्जरी से हुई दुर्लभ बीमारी

शिक्षिका जेठानी के मुताबिक, 2020 में एक सर्जरी के बाद उन्हें दुर्लभ बीमारी ऑस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा (Osteogenesis Imperfecta) हो गई। इस बीमारी के चलते उन्हें कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। मेडिकल लापरवाही और दवाओं के साइड इफेक्ट से उनके शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। वह अब चल फिर नहीं पातीं।

व्हीलचेयर पर स्कूल, पढ़ाना नहीं छोड़ा

चंद्रकांता जेठानी चलने फिरने में असमर्थ हैं, लेकिन स्कूल नहीं छोड़ा। वह रोजाना व्हीलचेयर के सहारे स्कूल जाती हैं। आठ घंटे तक वहां अपने दर्द का जिक्र किए बिना पढ़ाती हैं। बताया कि बच्चों को मैं कभी हार न मानने की सीख देती हूं। इसलिए आत्महत्या का रास्ता नहीं अपना सकती।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में जताई पीड़ा

  • जेठानी ने पत्र में बताया कि मैं परिवार विहीन हूं। देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। दर्द अब इतना बढ़ गया है कि मुझे जीवन बोझ लगने लगा है। मैं आत्महत्या नहीं करूंगी, क्योंकि वह कायरता है। लिहाजा, मैं अब गरिमामयी मृत्यु की मांग कर रही हूं।
  • चंद्रकांता जेठानी का यह कदम न सिर्फ सिस्टम को सोचने पर मजबूर करता है, बल्कि समाज को भी इंसानियत और सम्मानजनक जीवन के अधिकार पर मंथन करने का अवसर देता है।

अंगदान और संपत्ति बच्चों के नाम

जेठानी ने अपनी मृत्यु के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज को अंग डोनेट करने की इच्छा भी जताई है। साथ ही पत्र में यह भी लिखा कि मैं अपनी प्रॉपर्टी स्कूल के 6 गरीब बच्चों के नाम करना चाहती हूं। ताकि, शिक्षा प्राप्त करने में उन्हें मदद मिल सके।

हरकत में प्रशासन, दिल्ली से रिपोर्ट तलब

जेठानी के इस पत्र से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। राष्ट्रपति भवन ने इंदौर प्रशासन से मामले में जानकारी तलब की है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी महिला टीचर की काउंसलिंग करेंगे और संपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रपति भवन को भेजेंगे।

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