Mother Milk Bank: इंदौर का मदर मिल्क बैंक बना रोल मॉडल, 210 लीटर दूध से बचाई 1000 नवजातों की जान

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इंदौर का मदर मिल्क बैंक बना रोल मॉडल, 210 लीटर दूध से बचाई 1000 नवजातों की जान

इंदौर का मदर मिल्क बैंक बना देश में रोल मॉडल। 210 लीटर दूध डोनेशन से 1000 नवजातों की जान बची। नवजात मृत्यु दर में बड़ी गिरावट दर्ज।

Mother Milk Bank Indore : मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल (MTH) में संचालित मदर मिल्क बैंक देशभर में एक स्वास्थ्य मॉडल के रूप में उभरा है। वर्ष 2023 से सक्रिय इस सेंटर से अब तक 1000 से अधिक नवजातों की जान बचाई गई है। माताओं ने कुल 210 लीटर से ज्यादा दूध डोनेट किया है, जिससे न केवल इंदौर बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों के बच्चों को भी लाभ मिला है।

नवजात मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट
एमटीएच प्रबंधन के अनुसार, मदर मिल्क बैंक की शुरुआत से पहले नवजात मृत्यु दर 25% तक थी, जो अब घटकर 11% या उससे भी कम हो गई है। साथ ही अब डिस्चार्ज रेट 85% तक पहुंच चुका है।

कैसे काम करता है मदर मिल्क बैंक?
यह बैंक ब्लड बैंक के तर्ज पर कार्य करता है, जहां डोनेट किए गए दूध को विशेष प्रक्रिया से स्टरलाइज कर जरूरतमंद नवजातों को दिया जाता है। दूध देने से पहले महिलाओं की लंबी काउंसलिंग होती है ताकि वे आत्मविश्वास के साथ इस मानवीय कार्य में भाग ले सकें।

210 लीटर दूध से बदली 1000 जिंदगियां
अब तक 15,000 से ज्यादा प्रसूताओं की काउंसलिंग की गई, जिनमें से 1000 से अधिक महिलाओं ने सक्रिय रूप से दूध डोनेट किया। डोनेशन की कुल मात्रा 210 लीटर से अधिक रही, जिससे विभिन्न कारणों से मां के दूध से वंचित बच्चों को नया जीवन मिला।

4 राज्यों को मिला लाभ
इंदौर स्थित इस मदर मिल्क बैंक से ना केवल मालवा-निमाड़ बल्कि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों को भी लाभ मिला। नवजातों की देखरेख के लिए 60 बेड की SNCU यूनिट और 150 बेड की मेटरनिटी यूनिट इस कार्य को मजबूती प्रदान करती है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ और माताएँ?
मिल्क बैंक मैनेजर पारुल शिवहरे बताती हैं कि अधिकांश माताएं शुरुआत में भ्रमित रहती हैं, लेकिन जब उन्हें बताया जाता है कि डोनेट किया गया दूध किसी अनाथ या आईसीयू में भर्ती शिशु को जीवन दे सकता है, तो वे गर्व से इस कार्य में आगे आती हैं।

आगे की योजना: पूरे प्रदेश में विस्तार
NHM और MGM मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी मदर मिल्क बैंक खोलने की योजना बना रही है। इंदौर का यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए रोल मॉडल बनेगा।

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