बकरीद से पहले IAS नियाज खान की नसीहत: सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस; BJP सांसद ने किया समर्थन

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस; BJP सांसद ने किया समर्थन
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भोपाल में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद खान ने अपने पोस्ट में लिखा कि पेड़-पौधों और जीवों को भी इस धरती पर उतना ही हक़ है जितना इंसानों को।

MP News: बकरीद से पहले मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी नियाज खान का सोशल मीडिया पोस्ट सुर्खियों में आ गया है। खान ने बेजुबान जानवरों के खून को अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह धरती सिर्फ इंसानों की नहीं, बल्कि पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की भी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पर्यावरण और जीवों की रक्षा आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। IAS नियाज खान 11 अंग्रेजी उपन्यासों के लेखक हैं और पर्यावरण प्रेमी के तौर पर उनकी पहचान है।

एक्स पर किया पोस्ट
भोपाल में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद खान ने अपने पोस्ट में लिखा कि पेड़-पौधों और जीवों को भी इस धरती पर उतना ही हक़ है जितना इंसानों को। उन्होंने यह भी कहा कि "हमें ऐसी परंपराओं पर भी विचार करना चाहिए जो प्रकृति और जीवन के मूल्यों के खिलाफ हों।" खान ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताते हुए कहा, "दुनिया भौतिकवाद में डूबी है, जंगल कट रहे हैं, कंक्रीट का साम्राज्य फैल रहा है, और इंसान इसकी कीमत चुका रहा है।"

बीजेपी सांसद ने किया समर्थन

उनकी इन बातों का समर्थन भोपाल के भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने भी किया। उन्होंने कहा कि "जो जीव बोल नहीं सकते, उनकी हत्या नहीं होनी चाहिए।" उन्होंने लोगों से शाकाहार और जीवदया को अपनाने की अपील भी की।


मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने जारी की एडवाइजरी

हालांकि, खान की ये बातें सोशल मीडिया पर बहस का कारण बन गई हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक सोच मानते हुए समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं। इसी बीच, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने भी बकरीद को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें खुले में कुर्बानी न करने, सफाई बनाए रखने और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो न डालने की अपील की गई है।

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