MP BJP President: हेमंत खंडेलवाल होंगे MP BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष, नामांकन प्रक्रिया पूरी; जानें सियासी सफर

Hemant Khandelwal MP BJP President
MP BJP President Election Update: मध्यप्रदेश भाजपा को आज नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल का पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में चयन तय है। मंगलवार शाम भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में उन्होंने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री मोहन यादव और चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। स्क्रूटनी के बाद औपचारिक घोषणा की जाएगी।
हेमंत खंडेलवाल बैतूल के पूर्व सांसद विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे हैं। उन्हें संघ और संगठन में गहरी पैठ वाला नेता माना जाता है। उनके नेतृत्व में आगामी 2028 विधानसभा चुनावों और 2029 लोकसभा चुनाव की रणनीति को धार देने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद भी माना जा रहा है। अन्य प्रमुख नेताओं की भी सहमति है।
कौन हैं हेमंत खंडेलवाल?
- जन्म: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में।
- पिता: विजय खंडेलवाल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद (बैतूल लोकसभा क्षेत्र, 1996-2004)।
- शिक्षा: हेमंत खंडेलवाल ग्रेजुएट और लॉ प्रोफेशनल हैं। उन्होंने डॉ. हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर से 1990 में एलएलबी और जेएच गवर्नमेंट कॉलेज बैतूल से 1986 में बी.कॉम किया है।
- वर्तमान पद: बैतूल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: हेमंत खंडेलवाल प्रभावशाली राजनीतिक और व्यवसायिक परिवार से आते हैं। उनके पिता विजय खंडेलवाल बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। बैतूल से 1996 से 2004 तक सांसद रहे। विजय खंडेलवाल के निधन के बाद हेमंत को उपचुनाव में मौका मिला।
हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर
- हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक करियर लंबा और प्रभावशाली रहा है। उनकी सक्रियता और संगठन में पकड़ ने उन्हें बीजेपी के भीतर भरोसेमंद चेहरा बनाया है।
- सांसद (2007): हेमंत खंडेलवाल 2007 में बैतूल लोकसभा सीट से उपचुनाव में सांसद चुने गए थे। यह अवसर उन्हें अपने पिता विजय खंडेलवाल के निधन के बाद मिला। हालांकि, 2008 में परिसीमन के बाद बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हो गई, जिसके कारण वे आगे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके।
- विधायक (बैतूल): हेमंत खंडेलवाल वर्तमान में बैतूल विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं। वे दो बार विधायक रह चुके हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
- संगठनात्मक भूमिका: हेमंत खंडेलवाल कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। यहां उन्होंने कई संगठनात्मक गतिविधियों को मजबूती दी है। उनकी संगठनात्मक क्षमता और रणनीतिकार के रूप में पहचान ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे रखा।
नियुक्ति की प्रमुख वजहें
- संगठनात्मक अनुभव: हेमंत खंडेलवाल को एक कुशल संगठनकर्ता माना जाता है। कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया है।
- RSS और सरकार का समर्थन: उनकी RSS से नजदीकी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद ने उनकी स्थिति को मजबूत किया।
- साफ-सुथरी छवि: खंडेलवाल की छवि विवादों से मुक्त है, जो उन्हें संगठन के लिए उपयुक्त बनाती है।
- क्षेत्रीय और जातीय संतुलन: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री (OBC) और उपमुख्यमंत्री (SC) के सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए, सामान्य वर्ग से खंडेलवाल का चयन संतुलन बनाए रखने में मददगार माना गया।
- राजनीतिक अनुभव: एक बार सांसद और दो बार विधायक रहने के कारण उनके पास विधायिका और संगठन दोनों का अनुभव है।
चुनौतियां और भविष्य की भूमिका
खंडेलवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना होगा, खासकर 2029 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए। भाजपा संगठन में ये बदलाव विधानसभा चुनाव 2028 और लोकसभा चुनाव 2029 के मद्देनजर किया जा रहा है। इन चुनावों में उन्हें प्रतिभा साबित करनी होगी।
- संगठन और सरकार के बीच समन्वय बढ़ाना
- आदिवासी और SC वर्ग के समर्थन को मजबूत करना
- 2029 विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करना
- राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भूमिका निभाना
प्रदेशाध्यक्ष पद के रेस में ये भी थे दावेदार
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, सांसद सुधीर गुप्ता, अरविंद भदौरिया और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग से लाल सिंह आर्य, प्रदीप लारिया और दुर्गादास उइके जैसे नाम चर्चा में थे, लेकिन खंडेलवाल सबसे मजबूत विकल्प के रूप में उभरे।