प्रदेश में ग्रामीण समृद्धि की नई मिसाल: 'हर घर नल जल' योजना से उज्जैन संभाग ने रचा इतिहास, 7 लाख से अधिक परिवारों को मिला शुद्ध पेयजल

हर घर नल जल
भोपाल। मध्य प्रदेश में ग्रामीण जीवन को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘हर घर नल से जल’ योजना तेजी से बदलाव ला रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के निरंतर प्रयासों ने जल जीवन मिशन को नई ऊंचाई दी है। इसी कड़ी में उज्जैन संभाग ने ‘हर घर जल’ का लक्ष्य पूरा कर ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। संभाग के कुल 7,09,065 ग्रामीण परिवारों तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा चुका है, जिससे ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य, बच्चों के पोषण और ग्रामीण परिवारों के जीवनस्तर को प्राथमिकता दी है। पहले ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को पानी लाने के लिए दूर-दूर जाना पड़ता था, जिससे समय और श्रम दोनों की हानि होती थी, लेकिन अब घर के आंगन तक नल से स्वच्छ जल उपलब्ध होने लगा है। इससे महिलाओं के सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिला है और वे शिक्षा, स्वच्छता और आजीविका के बेहतर अवसरों की ओर आगे बढ़ रही हैं।
उज्जैन संभाग के सभी जिलों को नल जल योजना का व्यापक लाभ मिला है। आगर-मालवा के 42,207, देवास के 1,65,383, नीमच के 31,957, उज्जैन के 1,71,553, शाजापुर के 79,472, रतलाम के 1,49,603 और मंदसौर के 68,890 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन गई है।
जल जीवन मिशन के तहत यह केवल पाइपलाइन बिछाने या नल कनेक्शन देने तक सीमित नहीं है, बल्कि जल संरक्षण, जल गुणवत्ता परीक्षण, स्थानीय समुदाय की भागीदारी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रामीण जीवन की सुविधाओं को सुदृढ़ करने का समग्र प्रयास भी है। विभाग शेष गांवों में जल पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रहा है और जल्द ही प्रदेश के हर ग्रामीण घर में नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
