गांव से KBC की हॉटसीट तक: ग्वालियर की जूली शर्मा ने जीते 12.50 लाख, पिता को समर्पित की जीत

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ग्वालियर की जूली शर्मा ने कौन बनेगा करोड़पति में 12.50 लाख रुपए जीतकर पिता का सपना पूरा किया।

ग्वालियर की जूली शर्मा ने कौन बनेगा करोड़पति में 12.50 लाख रुपए जीतकर पिता का सपना पूरा किया। जानिए गांव से KBC की हॉटसीट तक पहुंचने की उनकी प्रेरक कहानी।

ग्वालियर। ग्वालियर की रहने वाली जूली शर्मा ने लोकप्रिय टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 लाख 50 हजार रुपए की राशि जीतकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनका एपिसोड 15 दिसंबर को प्रसारित हुआ, जिसमें जूली का आत्मविश्वास, सादगी और ज्ञान दर्शकों को खूब पसंद आया। एक साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर देश के सबसे बड़े क्विज शो के मंच तक पहुंचना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा रहा है। जूली ने बताया कि उन्होंने 24 मई को केबीसी के लिए ऑडिशन दिया था। चयन होने के बाद जब वे मुंबई गईं, तो यह उनकी जिंदगी का बिल्कुल एक नया अनुभव था। उन्होंने पहली बार हवाई जहाज से यात्रा की, जिसे वह कभी भूल नहीं सकतीं। जूली ने केबीसी की पूरी टीम की व्यवस्थाओं और सहयोग की खुलकर तारीफ की और कहा कि प्रतिभागियों को हर स्तर पर सहज महसूस कराया जाता है, जिससे डर या दबाव कम हो जाता है।

स्नातक करने वाली अपने गांव की पहली लड़की

जूली मूल रूप से मुरैना जिले की अंबाह तहसील के सुनावली गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया उनके पिता किसान थे और अमिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक भी। उनके पिता का सपना था कि उनके पांच बच्चों में से कोई एक केबीसी के मंच तक पहुंचे। शिक्षा को लेकर वे हमेशा गंभीर रहे और गांव में एक स्कूल खुलवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही, ताकि बेटियां पांचवीं के बाद भी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर न हों। दुर्भाग्य से पिता आज उनके साथ नहीं हैं, लेकिन जूली मानती हैं कि केबीसी तक पहुंचकर उन्होंने अपने पिता का अधूरा सपना पूरा किया है। जूली ने बताया कि वह अपने गांव की पहली लड़की थीं, जिन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान उन्हें कई सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

अंबाह तहसील के सुनावली गांव की हैं जूली

शादी के बाद भी उन्हें ससुराल पक्ष से पूरा सहयोग मिला, जिससे वे आगे की पढ़ाई और तैयारी जारी रख सकीं। केबीसी में पहुंचने के बाद जूली को पहले ही दिन हॉटसीट पर बैठने का अवसर मिला। उन्होंने अपनी बहन के साथ खेलते हुए एक-एक पड़ाव पार किया और आत्मविश्वास के साथ 12 लाख 50 हजार रुपए तक की राशि जीत ली। जब 25 लाख रुपए के लिए अगला सवाल सामने आया, तब सभी लाइफलाइन खत्म हो चुकी थीं। सवाल को लेकर असमंजस होने पर जूली ने समझदारी दिखाते हुए खेल रोकने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जीत से ज्यादा संतोष उन्हें इस बात का है कि वह इस राशि का उपयोग अपनी बेटियों की शिक्षा में करेंगी। जूली की यह यात्रा उन तमाम बेटियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखती हैं।

रिपोर्ट: एपी सिंह।

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