अजब-गजब: ग्वालियर कोर्ट में खुद गवाह बनकर पहुंचे पौधे, अदालत ने जांच अधिकारी को लगाई फटकार; जानिए पूरा मामला

पौधों की पेशी
(एपी सिंह ) MP News: ग्वालियर जिला अदालत में बुधवार को ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया। आमतौर पर कोर्ट में इंसान गवाही देने आते हैं, लेकिन इस बार गवाही देने पहुंचे पौधे! जी हां, अवैध गांजा तस्करी के केस में जब्त किए गए सैकड़ों पौधों को अदालत ने खुद पेश होने का आदेश दिया था, और वे ट्रॉली में कोर्ट पहुंचे। यह दृश्य इतना अजीब था कि जब यह ट्राली अदालत परिसर में पहुंची तो वहां मौजूद सभी लोग भी हैरानी से एक-दूसरे की ओर देखने लगे।
मामला झांसी रोड थाना क्षेत्र का है, जहां 19 अक्टूबर को पुलिस ने एक ट्रक से 280 किलो अवैध गांजा और 1075 नर्सरी के पौधे जब्त किए थे। लेकिन असली ट्विस्ट तो इसके बाद शुरू हुआ। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक आशीष शर्मा ने न तो पौधों की देखभाल की और न ही कोर्ट को समय पर सही जानकारी दी। जब कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी, तो पता चला कि 1075 पौधों में से सिर्फ 325 पौधे ही बचे हैं। बाकी का क्या हुआ, इस बारे में केस डायरी में कोई जिक्र नहीं किया गया था।
कोर्ट को शक हुआ, तो आदेश दिया कि जो भी पौधे बचे हैं उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए। जैसे ही अदालत के सामने पौधे लाए गए, उनकी हालत देखकर न्यायाधीश भी दंग रह गए। कई पौधे सूख चुके थे, कई के पत्ते पूरी तरह झड़ गए थे और कुछ तो पहचान में भी नहीं आ रहे थे। कोर्ट ने इस लापरवाही को पर्यावरण संरक्षण के प्रति उदासीनता की बड़ी मिसाल बताया और जांच अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। इतना ही नहीं, अदालत ने ग्वालियर एसपी और आईजी को जांच अधिकारी पर नियम अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
इसके साथ ही बचे हुए 325 पौधों की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंप दी गई है। अब इन्हें तपोवन नर्सरी में लगाया जाएगा और पौधरोपण की पूरी प्रक्रिया की फोटो–वीडियो कोर्ट में जमा करनी होगी। एक तरफ देशभर में हरियाली बढ़ाने के अभियान चल रहे हैं, और दूसरी ओर कोर्ट में पौधों की पेशी-यह वाकई ऐसी खबर है जो किसी को भी हैरानी में डाल दे। ग्वालियर की इस अनोखी कोर्ट सुनवाई ने साबित कर दिया कि अदालतें इंसानों के साथ–साथ पौधों के अधिकारों पर भी कड़ाई से नजर रखती हैं।
