बेघर आदिवासियों के लिए गुड न्यूज़: PM आवास योजना के तहत मिलेगा नया घर; पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू

MP News: सीधी जिले में आदिवासियों के मकान गिराए जाने के बाद प्रशासन ने उन्हें ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत नए घर देने का फैसला किया है। हालांकि, प्रभावित आदिवासी इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा प्रस्तावित दो कमरों वाले मकान उनके बड़े परिवारों के लिए पर्याप्त नहीं होंगे।
आदिवासियों ने बताया कि उनके घर तोड़ दिए गए और अब उन्हें ऐसे मकान मिल रहे हैं जो उनकी जरूरतों को पूरा नहीं करते। आदिवासी महिला सीता कोल ने कहा, “हमारे पूर्वज भी यहीं रहते थे। अब हमें बेघर कर दिया गया है। समझ नहीं आ रहा कि बच्चों को कहां लेकर जाएं। जो घर दिए जा रहे हैं, वो छोटे हैं, हम वहां कैसे रहेंगे?”
पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू
मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) मिनी अग्रवाल ने जानकारी दी कि प्रशासन ने जमीन चिन्हित कर ली है और पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें अस्थायी रूप से रैन बसेरों में रखा गया है। अब तक 15 लोगों के दस्तावेज जमा हो चुके हैं, जिन्हें नए मकान दिए जाएंगे।
सिविल कोर्ट के आदेश पर चला बुलडोजर
गौरतलब है कि 28 मई को सिविल कोर्ट के आदेश पर जिले के कोल आदिवासी समुदाय के घरों पर बुलडोजर चलाया गया। ये आदिवासी वर्षों से जमींदारों की जमीन पर रह रहे थे। उनका कहना है कि उनके पूर्वजों को जमींदारों ने ही जमीन पर बसाया था और यह इलाका धीरे-धीरे एक बस्ती बन गया था। लेकिन अब जमींदारों ने कोर्ट में जाकर इन्हें हटाने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई।
एक अन्य आदिवासी गुलाब कली कोल ने आरोप लगाया, “जब इन जमींदारों को वोट चाहिए होते थे, तब हमारे पास आते थे। हमने उनका साथ दिया, काम किया, लेकिन अब वही लोग हमें बेघर कर रहे हैं।”
आशा कोल नाम की एक और महिला ने कहा, “यह हमारे साथ अन्याय है। हमारे पूर्वज भी यहीं रहते थे, अब हमें हटाया जा रहा है। हमें समझ नहीं आ रहा कि अब कहां जाएं।” प्रशासन की ओर से राहत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन आदिवासी समुदाय अभी भी असमंजस और असंतोष की स्थिति में है।