नवरात्रि से पहले गरबा विवाद: गैर हिंदुओं की एंट्री पर बैन की मांग, बीजेपी-कांग्रेस MLA आमने-सामने

Bhopal Garba Controversy
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Bhopal Garba Controversy

मध्य प्रदेश में गरबा को लेकर गरमाई राजनीति, हिंदू संगठनों और भाजपा विधायक ने गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाने की उठाई मांग।

मध्य प्रदेश में नवरात्रि से पहले गरबा आयोजनों को लेकर धार्मिक बहस तेज हो गई है। कुछ हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं, खासकर मुस्लिम युवाओं की एंट्री बैन करने की मांग उठाई है। तर्क दिया कि गरबा सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति की पहचान है। इसलिए गैर-हिंदुओं का प्रवेश इसमें वर्जित किया जाना चाहिए।

क्या है गरबा में एंट्री को लेकर विवाद?

गरबा आयोजित करने वाली समितियों से कहा गया कि गरबा पंडालों के बाहर वराह अवतार की फोटो लगाकर उसकी पूजा कराई जाए। ताकि, केवल सनातनी लोग ही अंदर प्रवेश कर सकें। हिंदू संगठनों ने इसे गरबा जिहाद कहकर विरोध जताया है। कहा, लव जिहाद और धर्मांतरण के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

बीजेपी MLA रामेश्वर शर्मा की अजीब शर्त

  • भोपाल की हुजूर विधानसभा से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, गरबा पंडाल में गैर हिंदुओं का प्रवेश नहीं होना चाहिए। अगर किसी को आना ही है तो अम्मी, अब्बा, बहन, चाचा सबको लाओ, देवी का प्रसाद खाओ, आशीर्वाद लो और हिंदू धर्म स्वीकार करो।
  • रामेश्वर शर्मा ने इसे धर्म की शुद्धता का मामला बताया है। कहा, गरबा पंडाल में गैर-हिंदुओं की एंट्री को सनातन संस्कृति के खिलाफ है। भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने शर्मा के बयान पर पलटवार किया है।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का पलटवार

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, बीजेपी हर त्योहार से पहले जानबूझकर विवाद खड़ा करती है। उन्होंने भाजपा पर धार्मिक ध्रुवीकरण की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति समाज में तनाव को बढ़ाती है। मस्लिम युवाओं को भी सलाह दी कि गरबे में आखिर जाना ही क्यों है? उन्हें नहीं जाना चाहिए।

गरबा में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर बहस क्यों?

पिछले कुछ सालों में गरबा आयोजन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाए जाते हैं, लेकिन अब कुछ समूह इसे सनातन परंपरा का हिस्सा मानकर गैर-हिंदुओं की भागीदारी पर सवाल उठा रहे हैं। मामले को 'लव जिहाद', 'धर्मांतरण' और 'गरबा जिहाद' जैसे विवादास्पद शब्दों से जोड़ा जाता है।

गरबा आयोजकों को दिए सुझाव

  • वराह अवतार की तस्वीर लगाना और उसकी पूजा कराना अनिवार्य करने की मांग। ID चेकिंग अनिवार्य करने का सुझाव ताकि केवल सनातन धर्म के अनुयायी ही पंडालों में प्रवेश कर सकें। किसी भी तरह की धार्मिक घुसपैठ को रोकने का दावा।
  • गरबे में एंट्री बैन का मुद्दा अब धार्मिक न होकर राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन गया है। एक ओर हिंदू संगठन आस्था और संस्कृति रक्षा की बात कहकर गैर हिंदुओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे ध्रुवीकरण की राजनीति करार दे रहा है।
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