Chhindwara News: EOW ने रिश्वत लेते पकड़ा तो फूट-फूटकर रोने लगा सब इंजीनियर

छिंदवाड़ा में EOW की बड़ी कार्रवाई; फूट फूटकर रोने लगा सब इंजीनियर
Chaurai bribery case : मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) जबलपुर इकाई ने शुक्रवार, 18 जुलाई को छिंदवाड़ा जिले के चौरई जनपद में दबिश देकर सब इंजीनियर नीरज डेहरिया और ग्राम रोजगार सहायक आशीष शर्मा को 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया है। कार्रवाई के डर से उपयंत्री डेहरिया फूट फूटकर रोने लगा।
उपयंत्री नीरज डेहरिया और रोजगार सहायक ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बदले महिला सरपंच से 65,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। शिकायत पर ईओडब्ल्यू की टीम ने चौरई जनपद पंचायत में रिश्वत की रकम के साथ ट्रैप कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
खिरखिरी निवासी लालजी सोलंकी ने 15 जुलाई को ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि भाभी आरती वर्मा ग्राम सरपंच हैं। नाली और सड़क निर्माण का काम इन्हीं के कार्यकाल में पूरा हुआ था, लेकिन कंप्लीशन सर्टिफिकेट बनवाने के एवज में सब इंजीनियर नीरज डेहरिया ₹50,000 और रोजगार सहायक आशीष शर्मा ₹15,000 यानी कुल ₹65,000 की रिश्वत मांग रहे हैं।
यूं बनाई रंगेहाथ ट्रैप करने की योजना
ईओडब्ल्यू ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में दोनों अधिकारियों की रिश्वत मांगने की पुष्टि होने के बाद दोनों को ट्रैप करने का प्लान बनाया गया। ईओडब्ल्यू के कहने पर शिकायतकर्ता ने अफसरों को राशि अधिक होने की बात कहकर कम पैसे पर मानने के लिए मनाया।
शिकायतकर्ता के अनुवार, सब इंजीनियर नीरज डेहरिया ने ₹25,000 और रोजगार सहायक आशीष शर्मा ने ₹5,000 की पहली किस्त लेने पर सहमति जताई। शुक्रवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने जनपद पंचायत चौरई परिसर में दोनों को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद का नाटकीय दृश्य
गिरफ्तारी के बाद उपयंत्री नीरज डेहरिया फूट-फूट कर रोने लगा और टीम से बार-बार यही कहता रहा कि मुझे फंसाया गया है। लेकिन टीम ने रिश्वत की रकम मौके पर जब्त कर उन्हें हिरासत में ले लिया। जनपद कार्यालय चौरई ले जाकर जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए।
अब आगे क्या होगा?
ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। देर शाम तक उनसे पूछताछ की गई। अन्य संबंधित मामलों की भी जांच की जा रही है। अन्य परियोजनाओं की ऑडिट और दस्तावेजों की स्क्रूटनी कराई जाएगी।
