दिग्विजय की पाठशाला में खुली पोल: कांग्रेस नेताओं को बूथ एजेंट का फर्क भी नहीं मालूम, पूर्व सीएम ने जताई नाराजगी

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की 2028 चुनाव तैयारी का दावा कितना मजबूत है, इसकी एक बड़ी तस्वीर इंदौर में सामने आई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की "पाठशाला" में कार्यकर्ताओं और नेताओं की जमीनी तैयारी का ऐसा हाल देखने को मिला कि खुद दिग्विजय भी असंतुष्ट नज़र आए।
दिग्विजय सिंह इंदौर की विधानसभा-5 के कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे। बैठक का उद्देश्य था संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करना और नेताओं की समझ को परखना। लेकिन जैसे ही दिग्विजय ने बूथ मैनेजमेंट से जुड़े बुनियादी सवाल पूछने शुरू किए, कांग्रेस नेताओं के पसीने छूट गए।
बूथ लेवल एजेंट और पोलिंग एजेंट में फर्क तक नहीं पता
जब दिग्विजय सिंह ने पूछा- "बूथ लेवल एजेंट और पोलिंग एजेंट में क्या अंतर है?" तो कई नेता बगले झांकते दिखे। स्थिति तब और शर्मनाक हो गई जब पूछा गया कि "बूथ लेवल एजेंट बनाने के लिए कौन सा फॉर्म भरना पड़ता है?" लेकिन इस सवाल का भी सही जवाब कोई नहीं दे पाया। दिग्विजय सिंह ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे से भी स्पष्टीकरण मांगा, पर उनके जवाब से भी वे असंतुष्ट दिखे।
दिग्विजय बोले-हम मार्गदर्शक मंडल के लोग, हमें कुछ नहीं चाहिए
चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने साफ कहा-"मैं मार्गदर्शक मंडल में हूं। हमें पद या सत्ता में कुछ नहीं चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि यदि 2028 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाए, तो उन्हें "आत्मा को शांति" मिलेगी। उनकी बातों से यह साफ झलकता है कि वे संगठन की कमजोरियों से चिंतित हैं और चाहते हैं कि कार्यकर्ता अभी से गंभीर तैयारी में जुटें।
