18 करोड़ का आसामी: लोकायुक्त की नजर अब दारू-दरोगा भदौरिया के बैंक लॉकर और खातों पर, बैंकों को नोटिस जारी

Dharmendra Singh Bhadauria
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लोकायुक्त छापे में 4 किलो सोना, 7 किलो चांदी मिलने के बाद रिटायर्ड अफसर धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के 6 बैंक लॉकर्स की जांच की तैयारी शुरू।

भोपाल: रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया और उनके परिजनों के बैंक लॉकर्स भी सोना और चांदी उगल सकते हैं। भदौरिया के यहां बुधवार को लोकायुक्त पुलिस के छापे में चार किलो सोना और सात किलो चांदी मिली थी। अब आशंका है कि उन्होंने अपने लॉकर्स में भी सोना-चांदी के अलावा प्रापर्टी के दस्तावेज रखे हैं। इन लॉकर्स को जल्द ही खंगाला जा सकता है। इधर, भदौरिया के बंगले का भी फोटो सामने आया है। उसकी लागत 5 करोड़ रुपए से अधिक है। डिजाइन भी इटैलियन स्टाइल का तैयार किया गया है।

लोकायुक्त पुलिस को इंदौर और ग्वालियर के छापे के दौरान भदौरिया और उनके परिजनों के बैंक में 6 लॉकर्स होने की जानकारी लगी है। इन बैंकों को गुरुवार को सूचित किया गया है, ताकि बैंक लॉकर्स को कोई अन्य न खोल सके। इसके साथ ही लोकायुक्त पुलिस बैंक से अनुमति लेकर लॉकर्स को खोलेगी।

बरामदगी का काला चिट्ठा

श्रेणी

विवरण

अनुमानित मूल्य

नकदी

1 करोड़ 5 लाख रुपये से ज्यादा कैश, जिसमें विदेशी मुद्रा (5 हजार यूरो) शामिल

1.05 करोड़+

सोना-चांदी

4-5 किलो सोना (ईंटें और जेवर), 7 किलो चांदी

3-4 करोड़+

जमीन-प्रॉपर्टी

इंदौर में 5 करोड़ का इटैलियन स्टाइल बंगला (निर्माणाधीन, 4700 sq ft), कई प्लॉट और फ्लैट; ग्वालियर में पैतृक संपत्ति

9-10 करोड़+

अन्य संपत्ति

लग्जरी कारें, महंगी साड़ियां, घड़ियां, हथियार, परफ्यूम; फिल्मों में निवेश (बेटे-बेटी के नाम पर 2.85 करोड़)

2-3 करोड़+

कुल संपत्ति

कैश, गहने, प्रॉपर्टी और निवेश मिलाकर

18.50 करोड़+

ऐसा माना जा रहा है कि इनमें भी सोने और चांदी के जेवर रखे हुए हैं। प्रापर्टी के भी कुछ दस्तावेज इसमें रखे होने की बात सामने आ रही है। इसके साथ ही लोकायुक्त पुलिस बैंकों को भदौरिया और उनके परिजनों के बैंक खातों की भी डिटेल्स लेने के लिए पत्राचार कर सकती है। इनमें भी लाखों रुपए जमा होने की बात सामने आ रही है। एक और जानकारी सामने आई है कि सरकार ने नौकरी में रहते हुए 2 करोड़ रुपए का वेतन दिया है लेकिन संपत्ति करोड़ों रुपए में पाई गई है।

शराब सिंडिकेट से लिंक की तलाश

गौरतलब है कि सर्विसकाल में भदौरिया की ज्यादातर पोस्टिंग धार-झाबुआ, आलीराजपुर जिले में रही। गुजरात बार्डर समीप होने के कारण यहां अवैध शराब का कारोबार खूब जोरों पर चलता है। भदौरिया हमेशा इन इलाकों में ही नौकरी करता रहा। गुजरात में शराब प्रतिबंधित है, इस सीमा पर मध्य प्रदेश और गुजरात के जंगल वाले इलाके है। इस कारण कई चोर रास्ते है। अवैध शराब माफिया इन रास्तों का उपयोग कर अवैध शराब गुजरात पहुंचाते है। लोकायुक्त पुलिस अब भदौरिया के शराब सिंडिकेट से लिंक की तलाशी कर सकती है।

बता दें, भदौरिया 31 अगस्त 2025 को रिटायर हुए थे। 1987 से सेवा में रहते हुए उनकी कुल वैध आय सिर्फ 2 करोड़ रुपये थी। लोकायुक्त के महानिदेशक योगेश देशमुख और इंदौर एसपी राजेश सहाय के नेतृत्व में कार्रवाई चली।

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