Conversion Controversy: 27 मदरसों में 556 बच्चों के धर्मांतरण की शिकायत, NHRC में शिकायत; रामेश्वर शर्मा ने दी चेतावनी

Conversion Controversy
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मध्य प्रदेश में 27 मदरसों पर 556 बच्चों के कथित धर्मांतरण की शिकायत NHRC में दर्ज

मध्य प्रदेश में 27 मदरसों पर 556 बच्चों के कथित धर्मांतरण की शिकायत NHRC में दर्ज। BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने ऐसे मदरसों को बंद करने की चेतावनी दी। सरकार ने जांच के आदेश दिए।

भोपाल। मध्य प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के 27 मदरसों में 556 बच्चों के कथित धर्मांतरण की तैयारी की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) में दर्ज कराई गई है। आरोप है कि इन मदरसों में हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख परिवारों के बच्चों को बरगलाकर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही है। इस मामले पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे किसी भी मदरसे को चलने नहीं दिया जाएगा, जो गैर-मुस्लिम बच्चों के धर्मांतरण की मंशा रखते हों।

शिकायत का विवरण

शिकायतकर्ता के अनुसार, मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में संचालित 27 मदरसों में सैकड़ों बच्चों को धर्मांतरण के लिए लक्ष्य बनाया जा रहा है। आरोप है कि कुछ मौलवी और मुल्ला धार्मिक ग्रंथों और प्रलोभनों के जरिए बच्चों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। NHRC ने इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, राज्य सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

विधायक रामेश्वर शर्मा का बयान

भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर बयान दिया। उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश में ऐसा कोई मदरसा नहीं चलेगा, जो सनातनी, जैन, बौद्ध, सिख बच्चों का धर्मांतरण कराने की मंशा रखता हो। ऐसे मदरसों पर ताले लगाए जाएंगे।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को कठोर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। NHRC की शिकायत के आधार पर भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की कार्रवाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टर और DEO को निर्देश दिए हैं कि मदरसों की जांच की जाए। मदरसों के पाठ्यक्रम और शिक्षकों की पृष्ठभूमि की जांच होगी। छात्रों के प्रवेश रिकॉर्ड की गहन समीक्षा की जाएगी।अनियमितता पाए जाने पर मदरसों को बंद करने तक की कार्रवाई की जाएगी। राज्य में पहले से ही मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 लागू है, जिसके तहत जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण पर 10 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

मध्य प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा लंबे समय से संवेदनशील रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई मामलों में प्रलोभन या दबाव से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगे हैं। इसी कारण 2021 में कानून को और सख्त किया गया था। जानकारों का मानना है कि यह विवाद धार्मिक सद्भाव को प्रभावित कर सकता है, इसलिए निष्पक्ष और त्वरित जांच बेहद जरूरी है। बहरहाल, यह मामला अभी जांच के दायरे में है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि निर्दोषों की सुरक्षा की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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