CM मोहन यादव की पहल: माँ नर्मदा में छोड़े 6 मगरमच्छ, बोले – जीव संरक्षण हमारी संस्कृति का हिस्सा

माँ नर्मदा में छोड़े 6 मगरमच्छ, बोले – जीव संरक्षण हमारी संस्कृति का हिस्सा
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गुरुवार को खंडवा जिले के नर्मदानगर (पुनासा) में मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजन कर वन विहार भोपाल से लाए गए 6 मगरमच्छों को नर्मदा नदी में छोड़ा।

भोपाल/खंडवा: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जीव-जंतुओं और जलीय प्राणियों के संरक्षण के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा का वाहन माने जाने वाले मगरमच्छों को उनके नैसर्गिक आवास में पुनर्स्थापित करना हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी है।

गुरुवार को खंडवा जिले के नर्मदानगर (पुनासा) में मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजन कर वन विहार भोपाल से लाए गए 6 मगरमच्छों को नर्मदा नदी में छोड़ा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मगरमच्छों की उपस्थिति से नदी का पारिस्थितिक तंत्र और जल प्रवाह और अधिक सुदृढ़ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ अब जलीय जीवों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में मनुष्य और वन्यजीव परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं, और मगरमच्छ इस जलीय पारिस्थितिकी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

इंदिरा सागर परियोजना के बैकवाटर क्षेत्र में माँ नर्मदा के वाहनों (मगरमच्छों) के संरक्षण के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। मुख्यमंत्री के साथ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने उन्हें प्रस्तावित ओंकारेश्वर अभयारण्य के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना की जानकारी दी।

बताया गया कि खंडवा वनमंडल के 2.83 लाख हेक्टेयर वनक्षेत्र में से लगभग 61,407 हेक्टेयर क्षेत्र ओंकारेश्वर अभयारण्य के रूप में प्रस्तावित है। इसमें खंडवा और देवास जिलों के कई परिक्षेत्र शामिल होंगे, जिनमें पुनासा, मूंदी, चांदगढ़, बलडी, सतवास, कॉटाफोड, पुंजापुरा और उदयनगर प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री की यह पहल प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में एक नई मिसाल मानी जा रही है। इससे नर्मदा नदी का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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