हरदा से कई बड़े ऐलान: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 8.45 लाख बच्चों को दी मेगा सौगात, 489 करोड़ फीस ट्रांसफर

मुख्यमंत्री मोहन यादव
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सीएम डॉ. मोहन यादव ने हरदा जिले के खिरकिया में 20,652 निजी स्कूलों को 489 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। इससे 8.45 लाख बच्चों की फीस जमा होगी। कार्यक्रम में कई विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी हुआ।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 29 सितंबर को हरदा जिले के खिरकिया में स्कूली बच्चों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 20,652 अशासकीय विद्यालयों को 489 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से हस्तांतरित की। इस राशि से वर्ष 2023-24 में पढ़ने वाले 8 लाख 45 हजार बच्चों की स्कूल फीस जमा होगी। साथ ही, सीएम ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमि-पूजन और हितग्राहियों को राशि वितरित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन बेहद खास है। हरदा के टिमरनी में 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से स्कूल लैब के लिए चार क्लासरूम बनाए जाएंगे। 4 करोड़ रुपये से आदिवासी हॉस्टल, 5.5 करोड़ रुपये से बिजली सब-स्टेशन और खिरकिया में नया जनपद भवन और 3 करोड़ रुपये से नया अस्पताल बनेगा।

सीएम डॉ. यादव ने बच्चों को भगवान राम और श्रीकृष्ण-सुदामा की कहानियां सुनाईं। उन्होंने कहा कि दोस्ती में ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि मित्र की नजरें हमारे सामने झुक जाएं। उन्होंने कहा कि आज का दिन सौभाग्यशाली है, क्योंकि 20 हजार स्कूलों के करीब 8.5 लाख बच्चों को लाभ मिलेगा।

स्कूलों के भवनों को देखकर खुशी होती है। चाहे स्कूल निजी हो या बच्चों की आर्थिक स्थिति कमजोर, सरकार हर चौथे बच्चे की निजी स्कूल की फीस दे रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़-लिखकर ही देश को आगे बढ़ाएंगे।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रगति पर मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और मध्यप्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है। मध्यप्रदेश अब सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में शुमार है। सरकार भविष्य में बच्चों को किताबें भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता और गुरु बच्चों का जीवन बदलते हैं। अच्छी पढ़ाई करने वाले बच्चे नरेंद्र मोदी और स्व. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे बनते हैं।

युवाओं की शक्ति और रामायण का संदेश

सीएम ने महर्षि विश्वामित्र और भगवान राम की कहानी सुनाते हुए कहा कि विश्वामित्र ने राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगकर उनकी शक्ति को पहचाना। जंगल की कठिनाइयों और ऋषियों के बलिदान दिखाकर उन्होंने राम को श्रीराम बनने का मार्ग दिखाया। स्वयंवर में राम ने शिव धनुष तोड़कर दुनिया में अपनी धाक जमाई। यह युवाओं की शक्ति को पहचानने का उदाहरण है। सीएम ने कहा कि हमारी परंपरा में राधा-कृष्ण, सीता-राम और पार्वती-शिव का नाम एक साथ लिया जाता है।

लाड़ली बहनों का सम्मान, अपमान करने वालों को आड़े हाथों लिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में माताओं-बहनों का सम्मान सर्वोपरि है। कुछ लोग लाड़ली बहना योजना का मजाक उड़ाते हैं और कहते हैं कि बहनें पैसे का दुरुपयोग करती हैं। ऐसे लोगों को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए। हमारी बहनें परिवार के लिए सब कुछ न्योछावर करती हैं। जो लोग गलत सोचते हैं, उन्हें उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए।

कृष्ण-सुदामा की दोस्ती का संदेश

सीएम ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलने का सबक दिया। सुदामा जब निर्धन हालत में कृष्ण से मिलने आए, तो भगवान ने उन्हें संकोच में नहीं डाला, बल्कि उनकी पीठ पीछे महल खड़ा कर दिया। यह दोस्ती का आदर्श है। हमें ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे मित्र को शर्मिंदगी हो।

जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध सरकार

सीएम ने कहा कि सरकार बच्चों को साइकिल, ड्रेस, किताबें, टॉपर विद्यार्थियों को स्कूटी और 75% अंक लाने वालों को लैपटॉप दे रही है। मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आया है। बच्चों की शिक्षा भविष्य की सबसे बड़ी निवेश है। उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने ब्रिटिश शासन में ICS पास कर भारतीय मेधा का परिचय दिया।

किसानों के लिए सरकार का संकल्प

सीएम ने कहा कि सरकार ने किसानों को गेहूं पर 175 रुपये बोनस देकर 2600 रुपये मूल्य दिलाया। अब भावांतर योजना के तहत सोयाबीन किसानों को 5328 रुपये का समर्थन मूल्य दिलाया जाएगा। मूंग और धान उत्पादकों को भी उचित मूल्य मिला है। हरदा में हुई विस्फोट दुर्घटना में सरकार ने त्वरित राहत और बचाव कार्य किए। अब बीमारों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए एयर एंबुलेंस शुरू की गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अब तक 3 हजार करोड़ रुपये

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों को 25% मुफ्त सीटों पर प्रवेश का प्रावधान है। प्रदेश में 8.5 लाख बच्चे इस योजना से मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2011-12 से अब तक 19 लाख बच्चे लाभान्वित हुए और 3 हजार करोड़ रुपये की फीस दी जा चुकी है।

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