अर्चना तिवारी का कुबूलनामा: 'मैंने ठान लिया था... न शादी करूंगी और न घर जाऊंगी', जानें क्या- क्या बताया

अर्चना तिवारी को जीआरपी की टीम ने परिजन को सौंपा
Archana Tiwari Case : नर्मदा एक्सप्रेस से रहस्यमय तरीके से लापता हुई एडवोकेट अर्चना तिवारी को भोपाल जीआरपी ने 12 दिन की मशक्कत के बाद यूपी के लखीमपुर खीरी से दस्तयाब किया है। नेपाल से उसे लखीमपुर खीरी डिपोर्ट किया गया। जीआरपी बुधवार सुबह फ्लाइट से उसे भोपाल लेकर पहुंची। अर्थना का कहना है कि वह पढ़ना चाहती थी और सिविल जज की तैयारी कर रही थी, लेकिन परिजन ने उसकी शादी तय कर दी थी। परिजन शादी का दबाव बना रहे थे। इसी के चलते वह 7 अगस्त को इंदौर से कटनी जाते नर्मदापुरम के चाद इटारसी आउटर पर उतर गई थी।
वहां से उसका दोस्त उसे बायरोड लेकर निकल गया था। एसपी रेल राहुल कुमार लोदा ने बताया कि जिला कटनी निवासी अर्चना तिवारी (28) को यूपी के लखीमपुर खीरी से वहां की लोकल पुलिस की मदद से बरामद किया गया। पूछताछ में अर्चना ने पुलिस को बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि वह अपनी मर्जी से उतर गई थी। लापता रहने के दौरान उसके साथ कोई गलत हरकत नहीं हुई। वह अकेले रहकर सिविल जज की तैयारी करना चाहती थी। जबकि परिजन एक पटवारी से शादी करने का दवाव बना रहे थे। आगामी सात सितंबर को उसकी सगाई भी तय कर दी
यहां जानें पूरा घटनाक्रम
अर्चना तिवारी इंदौर के सत्कार हॉस्टल में रहकर सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही है। रक्षाबंधन पर वह अपने घर जाने के लिए इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच की बी-3 सीट पर सवार हुई। विगत 8 अगस्त को ट्रेन कटानी पहुंची, लेकिन उसमें से अर्चना नहीं उतरी। परिजन चिंतित हुए उमरिया में रहने वाले अर्चना के मामा को सूचना दी गई। ट्रेन के उमरिय पहुंचते ही मामा बी 3 सीट पर पहुंचे। वहां अर्थना का कपड़ों वाला बैग व अन्य समाज रखा मिला। आसपास की सीट पर बैठे यात्रियों ने बताया कि रानी कमलापति स्टेशन के बाद से युवती अपनी सीट पर नहीं दिखी। भोपाल जीआरपी ने परिजनों की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर अर्चना की तलाश शुरू कर दी। जांच में पता चला कि सफर के दौरान अर्चना की अंतिम बार अपनी चाची से मोबाइल पर बात हुई थी। उस समय वह भोपाल में थी। उसके बाद मोबाइल बंद हो गया। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किए।
ऐसे पुलिस पहुंची तेजेंदर व सारांश जैग तक
अर्चना तिवारी की तलाश के लिए रेलवे पुलिस ने अलग-अलग स्टेशनों के करीब दो हजार से अधिक कैमरों के फुटेज खंगाल हाले। तब जाकर पुलिस तेजेंदर और सारांश जैन एक पहुंची। सीडीआर के आधार पर दोनों से पूछताछ की गई। पूछताछ में अर्चना के नेपाल में होने की जानकारी मिली। रोलवे पुलिस ने नेपाल दूतावास की मदद से युवती को नेपाल बार्डर लखीमपुर खीरी तक डिपोर्ट कराया। पुलिस ने पूछताछ के लिए सारांश जैन को हिरासत में लिया है। शुजालपुर निवासी सारांश एग्रीकल्चर ड्रोन कंपनी में काम करता है। अर्चना ने बताया सारांश उसका अच्छा दोस्त है।
हरदा में रची थी फरार होने की कहानी
अर्चना की इंदौर में सारांश से उसकी दोस्ती ही गई थी। सारांश शुजालपुर का रहने वाला है। हरदा में अर्चना कैस के सिलसिले में गई थी. वहां सारांश और उसके साथी तेजेंदर के साथ मिलाकर उसने लापता होने की साजिश रची। उसने बताया कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन परिजन उसकी शादी कराना चाहते हैं। तेजेंदर इटारसी का रहने वाला है। अर्चना ने उससे पूछा था कि इटारसी रेलवे स्टेशन पर सैसीटीवी कैमरे कहां पर नहीं है। तेजेंदर ने उसे बताया नर्मदापुरम के बाद इटारसी आउटर पर उतर कर सारांश के साथ बायरोड निकल गई थी।
जीआरपी की टीम ने परिजन को सौंपा
नर्मदा एक्सप्रेस से रहस्यमय तरीके से लापता हुई एडवोकेट अर्चना तिवारी को भोपाल जीआरपी ने 12 दिन की मशक्कत के बाद यूपी के लखीमपुर खीरी से दस्तयाब किया है। नेपाल से उसे लखीमपुर खीरी डिपोर्ट किया गया। जीआरपी बुधवार सुबह फ्लाइट से उसे भोपाल लेकर पहुंची। अर्थना का कहना है कि वह पढ़ना चाहती थी और सिविल जज की तैयारी कर रही थी, लेकिन परिजन ने उसकी शादी तय कर दी थी।
