चित्रकूट बनेगा विश्व स्तरीय तीर्थ स्थल: मंदाकिनी के घाटों काे मिलेगा नया स्वरूप; रामायण पार्क में होगा आध्यात्म का अनुभव

चित्रकूट में मंदाकिनी के घाटों को मिलेगा अत्याधुनिक स्वरूप; मुंबई की कंपनी से अनुबंध
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चित्रकूट में मंदाकिनी के घाटों को मिलेगा अत्याधुनिक स्वरूप; मुंबई की कंपनी से अनुबंध 

चित्रकूट में श्रीराम की 151 फीट प्रतिमा, रामायण एक्सपीरियंस पार्क और ध्यान केंद्र सहित 750 करोड़ की योजना से धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे मंदाकिनी के घाट। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Chitrakoot Tourism Development Plan: भगवान श्रीराम की पावन तपोभूमि चित्रकूट को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी है। मंदाकिनी के प्रमुख घाटों के सौंन्दर्यीकरण व अन्य विकास कार्यों के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और मुंबई की सावनी हेरिटेज कंजर्वेशन प्राइवेट लिमिटेड के बीच महत्वपूर्ण अनुबंध हुआ है। चित्रकूट के विकास के लिए मप्र सरकार ने जहां 750 करोड़ का डीपीआर ( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किया है। वहीं योगी सरकार ने 50 करोड़ 50 करोड़ स्वीकृत किए हैं।

मुंबई की सावनी हेरिटेज कंजर्वेशन कंपनी चित्रकूट के प्रमुख घाटों (राघव, भरत और विश्राम घाट) का सौंदर्यीकरण करेगी। इसके अलावा यहां सात्विक रसोई, स्कल्पचर गार्डन, टाइमलाइन वॉल, वीडियो प्रोजेक्शन सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। ताकि, श्रद्धालुओं को एक सजीव धार्मिक अनुभव मिल सके।


चित्रकूट में यह विकास कार्य स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत किए जा रहे हैं। PPP मोड पर आधरित इस प्रोजेक्ट का संचालन अगले 9 वर्षों तक सावनी हेरिटेज कंजर्वेशन कंपनी द्वारा ही किया जाएगा। ताकि विकास के साथ गुणवत्ता और आध्यात्मिकता का संतुलन बना रहे। केंद्र से भी इसके लिए मंजूरी मिल गई है।

रजोला में बनेगा रामायण एक्सपीरियंस पार्क

  • मध्य प्रदेश सरकार ने चित्रकूट के विकास के लिए जो DPR तैयार किया है। उसके अनुसार, रजोला गांव स्थित 80 एकड़ क्षेत्र में रामायण एक्सपीरियंस पार्क बनाया जाएगा।
  • इस पार्क में भगवान श्रीराम की 151 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा, माता सीता और लक्ष्मण के साथ स्थापित की जाएगी। साथ ही 3D और 5D तकनीक से सजीव रामायण अनुभव, होलोग्राम शो, लाइट-साउंड शो और आधुनिक मल्टी फैसिलिटी सेंटर स्थापित किया जाएगा।

संतों के लिए ध्यान केंद्र और पुस्तकालय

चित्रकूट की आध्यात्मिकता को संरक्षित रखने एक संत ध्यान केंद्र भी बनाया जाएगा। इसमें एक हजार संतों के ठहरने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा यहां पर्णकुटी, अध्यात्मिक पुस्तकालय, हर्बल गार्डन और गोशाला की स्थापना का भी प्रस्ताव है।

चित्रकूट में यह विकास कार्य प्रस्तावित

चित्रकूट में पर्यटन स्थलों के साथ यातायात व्यवस्था भी सुदृढ की जानी है। इसके लिए यहां ट्रैफिक कमांड सेंटर, नई सड़कें, 130 मीटर लंबा पुल और पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी। 33 करोड़ की लागत से राघव प्रयाग घाट का पुनरुद्धार होना है। सती अनुसुइया आश्रम, गुप्त गोदावरी, जानकी कुंड, कामदगिरि परिक्रमा, हनुमान धारा जैसे पवित्र स्थलों का विशेष विकास किया जाएगा।

चित्रकूट का धार्मिक महत्व

चित्रकूट सिर्फ एक तीर्थ ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण यहां बनवास काल के 11 साल बिताए हैं। यही कारण है कि चित्रकूट का हर पत्थर और हर पेड़ रामकथा की स्मृति में गूंजता है। इस आस्था को अब एक नया स्वरूप देने की तैयारी है। ताकि, श्रद्धालु यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ पुरातन भावों का भी अनुभव कर सकें।

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