AIIMS Research: प्रेगनेंसी में करें ब्रीदिंग एक्सरसाइज, दवा-दर्द से राहत; डिलीवरी में भी मिलेगी मदद

एम्स भोपाल की रिसर्च: ब्रीदिंग एक्सरसाइज से डिलीवरी में राहत, गर्भवती महिलाओं को हुआ फायदा
Pregnancy Breathing Benefits: गर्भवती महिलाओं से जुड़ी एक महत्वपूर्ण रिसर्च सामने आई है। जिसमें बताया गया कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज से प्रेगनेंसी के दौरान काफी फायदा होता है। एम्स भोपाल की डॉक्टर्स ने यह शोध 100 महिलाओं में किया। जिससे न सिर्फ प्रसव पीड़ा में कमी आई, बल्कि कम समय में नॉर्मल डिलीवरी हो गई। महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा दवाइयों की भी जरूरत नहीं पड़ी। उनका आत्म-नियंत्रण और मानसिक संतुलन बेहतर रहा।
एम्स रिसर्च की खास बातें
एम्स भोपाल की नर्सिंग स्टूडेंट डिंपल द्वारा की गई इस यह रिसर्च का निर्देशन किया डॉ. लिली पोद्दार ने किया। इसमें डॉ. ज्योति नाथ मोदी, डॉ. ममता वर्मा, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. सैकेत दास समेत अन्य शिक्षकों ने सहयोग दिया। रिसर्च को इंटरनेशनल नर्सिंग कांग्रेस 2025 में फिनलैंड के हेलसिंकी में पेश किया गया। कार्यक्रम में 130 देशों के 7000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवर और नीति निर्माता शामिल हुए।
100 महिलाओं पर किया अध्ययन
रिसर्च दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच एम्स भोपाल और जेपी अस्पताल में की गई। इसमें पहली बार गर्भवती 100 महिलाओं को दो समूहों में बांटा गया। 50 महिलाओं को पारंपरिक देखभाल दी गई। जबकि, 50 महिलाओं को प्रशिक्षित नर्स द्वारा ब्रीदिंग एक्सरसाइज सिखाई गई। इन महिलाओं ने घर में भी इन एक्सरसाइज की नियमित प्रैक्टिस की और प्रसव के दौरान भी उन्हें अपनाया।
प्रसव प्रक्रिया के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज
प्रसव तीन चरणों में होता है। हर स्टेज के लिए अलग तरह की ब्रीदिंग एक्सरसाइज होती है। गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास 32वें सप्ताह से कराया गया। ताकि, प्रसव के समय वे सहज रूप से उन्हें अपना सकें।
- पहली स्टेज (प्रारंभिक संकुचन): धीमी, गहरी सांस लेने की सलाह दी जाती है।
- दूसरी स्टेज (डिलीवरी के लिए पुश करना): तेज़ और नियंत्रित सांस लेना, जिससे ऊर्जा बनी रहे।
- तीसरी स्टेज (प्लेसेंटा की डिलीवरी): शांत और गहरी सांसें, जिससे शरीर में राहत बनी रहे।
प्रेगनेंसी में ब्रीदिंग एक्सरसाइज के फायदे
- प्रसव के पहले और दूसरे चरण का औसत समय कम हुआ।
- महिलाओं को कम दवाइयों की जरूरत पड़ी।
- प्रसव के समय तनाव, भय और दर्द में कमी आई।
- महिलाओं ने बेहतर आत्म-नियंत्रण और मानसिक मजबूती महसूस की।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ. लिली पोद्दार ने बताया, नर्सों के नेतृत्व में कराया गया ब्रीदिंग एक्सरसाइज प्रोग्राम महिलाओं के लिए बेहद प्रभावी रहा। इससे न सिर्फ उनके डिलीवरी अनुभव में सुधार हुआ, बल्कि स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता भी बढ़ी है। मानसिक तौर पर भी काफी फायदा हुआ।