'जैव विविधता को मिले वैश्विक पहचान': वन्यजीव बोर्ड की बैठक में CM मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश, महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिली मंजूरी

MP Wildlife Board meeting
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मध्यप्रदेश की जैव विविधता को विश्व पटल पर पहचान दिलाने डॉक्यूमेंट्री, प्रमोशनल फिल्म्स और अंतरराज्यीय वन्य जीव आदान-प्रदान जैसे कदम उठाए जाएं। वन्यजीव बोर्ड की बैठक में CM मोहन यादव ने दी कई प्रस्तावों को मंजूरी।

MP Wildlife Board Meeting Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार (26 सितंबर 2025) को मंत्रालय में राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की 30वीं बैठक ली। इसमें प्रदेश की जैव विविधता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने पर जोर देते हुए कहा, भारतीय फिल्म डिवीजन, डिस्कवरी चैनल समेत अन्य प्लेटफॉर्म्स के जरिए जैव विविधता की ब्रांडिंग की जाए।

डॉक्यूमेंट्री और फिल्म्स से हो प्रचार

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश के समृद्ध वन क्षेत्रों और वन्य जीवों की सहज दृश्यता को लेकर शॉर्ट फिल्म्स, डॉक्यूमेंट्री और प्रमोशनल कैप्सूल तैयार किए जाएं, ताकि दुनिया को प्रदेश की वन संपदा के बारे में जानकारी मिल सके।

असाम से आएगा एक सींग वाला गेंडा

सीएम ने कहा, असाम से गेंडा या एक सींग वाला गेंडा प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। नदियों में मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल सहित डॉल्फिन जैसे जलीय जीव मुक्त करने के लिए तैयारी करें। इस दौरान उड़ीसा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को 3 जोड़े टाइगर देने पर भी विचार किया गया। सीएम ने कहा, जिन राज्यों को टाइगर दें, उनसे वहां के वन्य जीव भी प्राप्त करें।

पन्ना-बांधवगढ़ में बनेगा नया कन्जर्वेशन रिजर्व

बोर्ड सदस्य डॉ. आलोक कुमार ने कहा, पन्ना एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में एक और कन्जर्वेशन रिजर्व बनाया जा सकता है। कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में बालाघाट जिले के सोनेवानी फॉरेस्ट रेंज को समाहित कर पृथक कन्जर्वेशन रिजर्व बनाया जा सकता है।

हाथियों के हमले से बचाएगा गजरक्षक ऐप

मुख्यमंत्री ने जंगली हाथियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं और मानव द्वंद रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाएं। एडिशनल पीसीसीएफ कृष्णमूर्ति ने बताया, एआई बेस्ड गजरक्षक ऐप तैयार किया गया है, जो जंगली हथियों की गतिविधियों की सूचना देता है। हाथी से मानव बसाहट वाले क्षेत्र में नजदीक होने पर ग्रामीणों को मैसेज के जरिए सूचना का प्रसार किया जाता है। कॉलरिंग के जरिए भी यह कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाथी विचरण जिलों और वनमंडलों में हाथी मित्र दलों का गठन भी किया गया है।

बोर्ड की विशेष उपलब्धियां

बैठक में कृष्णमूर्ति ने मप्र राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की उपलब्धियों बताई। कहा, खरमोर अभयारण्य सरदारपुर का पुनर्गठन कर 14 राजस्व गांवों में विस्थापन प्रक्रिया जारी है।

भोपाल में 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 14 रेस्क्यू स्कवॉड, 16 डॉग स्कवॉड और गौर बारहसिंगा के परिवहन के लिए 6 विशेष वन्यजीव परिवहन और 3 रेस्क्यू वाहन सहित डॉग स्कवॉड वाहन लोकार्पित किए गए।

जहांनगढ़ अभयारण्य का गठन कर 26वां अभयारण्य बनाया जा रहा है। पेंच टाईगर रिजर्व में लोहे के स्क्रैप मटेरियल से एक विशालकाय बाघ प्रतिमा का निर्माण किया।

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के नदिगांव में इस वर्ष 86 घोंसले, बरौली में 32, बाबू सिंह घेर में 20, डांग वसई में 16, रैड़ी में 7 और भरा में 5 घौंसलों से बच्चे निकल चुके हैं।

स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश, टाइगर स्ट्राइक फोर्स, शिवपुरी एवं सामान्य वनमंडल, श्योपुर की संयुक्त कार्यवाही में श्योपुर जिले में वन्य प्राणी बाघ और तेन्दुए के अवैध शिकार एवं उसके अवयवों यानि हड्डियां/कंकाल का अवैध परिवहन एवं व्यापार करने वाले गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में खण्डवा एवं बैतूल जिले में सतपुड़ा-मेलघाट कॉरीडोर में 17.148 हेक्टेयर वन भूमि NHAI को उपयोग के लिए मंजूरी दी।
  • सिंघोरी अभयारण्य के देहगांव-बम्होरी मार्ग के बेलगांव तक सीसी रोड निर्माण के लिए 0.85 हेक्टेयर वन भूमि ईई आरईएस रायसेन को उपयोग की अनुमति दी गई।
  • पदमश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी अभयारण्य) के बफर जोन की 1.575 हेक्टेयर भूमि ईई पीडब्ल्यूडी रायसेन को उपयोग के लिए दी गई। इसी प्रकार अन्य प्रस्तावों में भी वन भूमि क्षेत्र में निर्माण कार्यों एवं अन्य प्रकार के उपयोग की अनुमतियां दी गई।

बैठक में यह भी रहे मौजूद

बैठक में पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, बोर्ड सदस्य डॉ. नारायण व्यास, मुख्य सचिव अनुराग जैन, एसीएस नीरज मंडलोई, अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी.एन. अम्बाडे, वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य मोहन नागर, रूपनारायण मांडवे, महेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सुदेश बाघमारे, डॉ. रविचंद्रन सहित अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे।

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