वन विहार नेशनल पार्क: किंग कोबरा के दीदार दुर्लभ, मनमानी वसूली से पर्यटकों में मायूसी

Bhopal Van Vihar: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वनकर्मी अपनी जेब गरम करने में लगे हैं। दो पहिया वाहनों पर 3 सवारी बैठाने वाले पर्यटकों पर चालानी कार्रवाई करने की बजाय उनसे मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है। वहीं, सर्प उद्यान में तैनात वनकर्मी पर्यटकों को जानकारी देने में भी कोताही बरत रहे हैं, जिससे दूर-दराज से आए पर्यटक निराश लौट रहे हैं। रविवार को तो स्थिति यह थी कि किंग कोबरा के दर्शन न होने से सैकड़ों पर्यटकों को मायूस लौटना पड़ा। तो वहीं इन मामलों पर वन विहार प्रबंधक कुछ भी कहने से बच रहे है।
जुमार्ने की जगह डील, रसीद गायब
रविवार को वन विहार में भ्रष्टाचार का एक जीता-जागता उदाहरण सामने आया। छह छात्र दो बाइक पर तीन-तीन की संख्या में पार्क में घूम रहे थे। गौर पाइंट पर तैनात संविदा कर्मचारी कुरैशी ने उन्हें रोका और दो-दो हजार रुपये जुमार्ने का डर दिखाकर कुल चार हजार रुपये की मांग की। कर्मचारी ने पहले छात्रों को वाहन जब्ती का डर दिखाया और फिर पांच-पांच सौ रुपये देने की बात कही। अंतत जब छात्रों ने इतने पैसे न होने की बात कही, तो कर्मचारी ने मात्र पांच सौ रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया। इस वसूली की कोई रसीद भी नहीं दी गई।
वनकर्मी की मनमानी, पर्यटक परेशान
वन विहार में केवल पैसों की उगाही नहीं, बल्कि वनकर्मियों की मनमानी भी परेशानी का सबब बन गई है। सर्प उद्यान में तैनात वनकर्मी पर्यटकों को सांपों से संबंधित जानकारी देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। रविवार को जब सैकड़ों पर्यटक सर्प उद्यान पहुंचे और वहां तैनात कर्मचारी मेहरा से जानकारी मांगी, तो उन्होंने सीधे कह दिया कि वहां बोर्ड लगा है उसको पढ़ लो और अपने निजी कामों में व्यस्त हो गए। यह रवैया पर्यटकों के लिए बेहद निराशाजनक था, खासकर उनके लिए जो दूर-दराज के इलाकों जैसे विदिशा, सांची और रायसेन से आए थे। वहीं, सर्प उद्यान की एक और बड़ी निराशा किंग कोबरा के दर्शन न होना था। रविवार को सैकड़ों पर्यटक, जिनमें कई लोग केवल किंग कोबरा को देखने के लिए आए थे, निराश होकर लौट गए।
तीन चार सवारियां बैठाकर घूम रहे लोग
वन विहार में रविवार को कई लोग तीन व चार सवारियां बैठाकर दोपहिया वाहन चलाते नजर आए थे। इस दौरान वन कर्मी कुछ वाहन चालकों रोकर वसूली कर रहे थे। कुछ तेज गति व चार-चार लोगों को बैठाकर वाहन चलाते नजर आए।
विदिशा से सिर्फ किंग कोबरा देखने आए थे
विदिशा से किंग कोबरा देखने परिवार के साथ आए सुधीर साहू ने बताया कि एक घंटे पहले निकले थे, लेकिन वनकर्मी से कोबरा नहीं दिखा। कर्मचारियों से पूछा तो बोले-घास में छुपा होगा। हम लोग वहां से आगे दूसरे जानवरों को देखने चले गए। लेकिन हमलोग जब एक घंटे बाद वापिस लौटकर आए। तब भी वह दिखाई नहीं दिया। खासतौर से उसी को देखने आए थे। इससे निराशा हुई है।