Unified Pension Scheme: न OPS और न NPS मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को मिलेगा UPS का लाभ, अशोक बर्णवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित

भोपाल (सचिन सिंह बैस)। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार 1 जनवरी 2005 को या उसके बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने जा रही है। इसके लिए एक समिति गठित की गई है।
अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल की अध्यक्षता वाली इस समिति में पांच आईएएस सहित छह अधिकारी शामिल किए गए हैं। समिति में अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, सचिव लाकेश कुमार जाटव, संचालक बजट तन्वी सुन्द्रियाल, उप सचिव अजय कटेसरिया सदस्य होंगे। संचालक पेंशन मप्र जेके शर्मा सचिव बनाए गए हैं। समिति में शामिल अफसरों के स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति अथवा अन्य कारणों के लिए वित्त विभाग के भार साधक सचिव को अधिकृत किया गया है।
4.60 लाख कर्मचारी NPS के दायरे में
मध्य प्रदेश में अभी 4 लाख 60 हजार कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस के दायरे में आते हैं। यह सभी कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस की मांग कर रहे हैं। अब मप्र में केंद्र तरह यूपीएस योजना लागू करने के लिए समिति बनाई गई है।
कर्मचारियों को चुनना होगा एक विकल्प
राज्य सरकार के बनाई योजना के मुताबिक, कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक योजना को चुनने का विकल्प दिया जाएगा। जिसमें कर्मचारियों द्वारा स्वतंत्र रूप से किसी भी योजना का चुनाव किया जा सकता है।
कर्मचारियों को OPS ही चाहिए
मप्र कर्मचारी मंच के प्रदेशाध्यक्ष अशोक पांडेय का कहना है कि यूपीएस भी एनपीएस का दूसरा ही रूप है। कर्मचारियों को ओपीएस ही चाहिए। यूपीएस से कर्मचारियों को ओपीएस वाला लाभ नहीं मिलेगा।