Bhopal: एसआईआर के पहले वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने-घटाने पर रोक, प्रक्रिया में ही जुड़ेंगे नाम

भोपाल: मध्य प्रदेश में 22 साल बाद स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन करने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने जिले की वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, घटाने और संशोधन कराने पर रोक लगा दी है। अब एसआईआर होने के बाद ही फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।
जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि कई बार शिकायतें आती थीं कि कुछ पात्र मतदाताओं के नाम सूची में नहीं जुड़ते और कई मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम जुड़े हुए हैं। एसआईआर सर्वे इन्हीं कमियों को दूर करने की कोशिश है। सर्वे में घर-घर जाकर मतदाता की जानकारी जुटाई जाएगी और उसका मिलान बूथ स्तर पर उपलब्ध रिकॉर्ड से किया जाएगा। इसके लिए भोपाल में 2900 से ज्यादा बीएलओ को ट्रेनिंग दे दी गई हैं। सर्वे के दौरान यह भी जांच की जाएगी कि कोई व्यक्ति दो जगहों पर रजिस्टर्ड तो नहीं है। अगर किसी का नाम दो जगह पाया गया तो उसे सूची से हटाया जाएगा।
एसआईआर में लगेंगे दो महीने
विधानसभा या लोकसभा चुनाव से जुड़ी मुख्य मतदाता सूची में फिलहाल कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाएगा। एसआईआर सर्वे पूरा होने में करीब दो महीने का समय लग सकता है। उसके बाद मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन से पहले दोबारा दावा-आपत्ति की प्रक्रिया कराई जाएगी, जिससे कोई पात्र व्यक्ति छूट न जाए। सर्वे के पूरा होने के बाद ही नई और संशोधित मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
निगम, पंचायत में जुड़वा सकेंगे नाम
दूसरी तरफ नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी। यानी जो लोग नगर निगम की स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची में नाम जोड़ना या सुधार कराना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकेंगे।
2003 से 2025 के बीच जुड़े वोटर्स का खंगाला रिकॉर्ड
2003 में एसआईआर हुआ था। 2003 की स्थिति में भोपाल की विधानसभा सीटों पर वोटर की संख्या 11 लाख थी। जो अब बढ़कर 21 लाख पहुंच गई है। साथ ही 2003 में विधानसभा सीटों की संख्या 4 थी, ये बढ़कर अब 7 हो गई है। उपजिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता का कहना है कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर को सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को एसआईआर के बारे में जानकारी दी गई।
