Bhopal Railway Division: राजधानी में बढ़े चेन पुलिंग के मामले - 7 माह में 3300 केस; 2000 से ज्यादा पर कार्रवाई

3300 cases of chain pulling in Bhopal Railway Division in January-July 2025. 2,981 passengers fined and punished, many jailed.
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भोपाल रेल मंडल में चेन पुलिंग के 7 माह में 3300 केस, 2000+ यात्रियों पर कार्रवाई

भोपाल रेल मंडल में जनवरी-जुलाई 2025 के बीच चेन पुलिंग के 3300 मामले दर्ज हुए। 2000+ यात्रियों पर कार्रवाई, कई को जेल की सजा भी।

भोपाल। भोपाल रेल मंडल में ट्रेनों में अनधिकृत चेन पुलिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच कुल 3,300 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 2,981 यात्रियों को मौके पर पकड़ा गया और भोपाल रेलवे कोर्ट में पेश कर जुर्माना व सजा दी गई। शेष 402 मामलों की जांच जारी है।

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अनुसार, चेन पुलिंग करने वालों में से कई को जेल की सजा भी दी गई है। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त डॉ. अभिषेक के मार्गदर्शन में ट्रेनों और स्टेशनों पर विशेष चेकिंग व जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यात्रियों को नियमों की जानकारी देने के साथ-साथ अलार्म चेन के अनुचित उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

चेन पुलिंग से ट्रेनें होती हैं लेट

  • चेन पुलिंग के कारण ट्रेनों की समयबद्धता प्रभावित होती है।
  • एक बार चेन पुलिंग होने पर ट्रेन 5–7 मिनट तक लेट होती है।
  • यदि यात्रा के दौरान 2–3 बार चेन खींच दी जाए, तो ट्रेन एक घंटे तक देर हो सकती है।
  • इससे न केवल वह ट्रेन बल्कि पीछे आने वाली ट्रेनें भी प्रभावित होती हैं।

उदाहरण के तौर पर, यदि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की चेन पुलिंग हो जाती है, तो उसके पीछे चल रही समता एक्सप्रेस भी उतनी ही लेट हो जाती है।

चेन पुलिंग के मुख्य कारण

  • यात्रियों का देर से स्टेशन पहुंचना
  • नींद लगने के कारण गंतव्य स्टेशन मिस करना
  • गलत ट्रेन में चढ़ जाना
  • व्यक्तिगत कारणों से ट्रेन रोकना

एक दर्जन से अधिक लोगों को जेल

2025 में दर्ज सभी मामलों में RPF ने रेलवे एक्ट की धारा 141 के तहत कार्रवाई की। अब तक एक दर्जन से अधिक यात्रियों को कारावास हो चुका है, जबकि बाकी को जुर्माना भरना पड़ा।

जागरूकता अभियान जारी

RPF द्वारा प्रभावित ट्रेनें और स्टेशन चिन्हित कर लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यात्रियों को बताया जा रहा है कि चेन पुलिंग केवल गंभीर आपात स्थिति में ही करें। इसके अलावा बार-बार अनाउंसमेंट और पोस्टर लगाकर चेतावनी दी जा रही है। डॉ. अभिषेक का कहना है कि यह सुविधा यात्रियों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन इसका दुरुपयोग चिंताजनक है और इससे अन्य यात्रियों को भी परेशानी होती है।

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