भोपाल नगर निगम: 1000 कर्मचारियों को मिलेगी स्थायी नौकरी, परिषद बैठक में मिली मंजूरी

भोपाल नगर निगम: 1000 कर्मचारियों को मिलेगी स्थायी नौकरी
Bhopal Municipal Corporation: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। बुधवार को हुई नगर निगम परिषद की बैठक में अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। नगर निगम के इस फैसले से करीब 1,000 संविदा कर्मचारियों का न सिर्फ भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि वर्षों से उनकी लंबित मांग भी पूरी होगी।
नाम बदलने पर गरमाई सियासत
भोपाल नगर निगम की बैठक में दो प्रतिष्ठित स्थानों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार, अशोका गार्डन इलाका अब 'रामबाग' के नाम से जाना जाएगा। वहीं हमीदिया कॉलेज व अस्पताल का नामकरण दिवंगत विधायक रमेश शर्मा 'गुट्टू भैया' के नाम पर किए जाने का फैसला किया गया है।
भाजपा-कांग्रेस पार्षदों में तीखी बहस
परिषद ने इन फैसलों को ऐतिहासिक बताते हुए शहर की सांस्कृतिक विरासत और सम्मानबोध के लिहाज से बड़ी उपलब्धि बताई थी। हालांकि, इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। इससे चलते कुछ देर के लिए बैठक स्थगित करनी पड़ी।
मूर्ति विसर्जन पर रोक, बनेगा विसर्जन कुंड
बड़ा तालाब और छोटा तालाब में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए 25 करोड़ रुपये की लागत से 6 विसर्जन कुंड बनाए जाएंगे। यह कदम वेटलैंड साइट प्रोजेक्ट के तहत उठाया गया है, जिससे शहर के जलस्रोतों की शुद्धता बनी रहे।
एक माह में टेंडर, 60 दिन में वर्क ऑर्डर
बैठक में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए भी ठोस निर्णय लिए गए। अब 30 दिन के भीतर टेंडर और 60 दिन में वर्क ऑर्डर जारी किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्णय पार्षदों की नाराजगी दूर करने और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए जरूरी हैं।
बैठक में उठा विवाद और विरोध
बैठक के दौरान नगर निगम आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई, जिस पर भाजपा पार्षद पप्पू विलास राव ने धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने आसंदी का घेराव किया और बैठक को स्थगित करना पड़ा।
