भूमि विवाद: नामांतरण के बाद नहीं कराया बंटवारा तो नहीं होगा बंटान, भोपाल में बढ़ी जमीन मालिकों की मुश्किलें

कलेक्टर ने पटवारियों को तेजी से भूमि विवाद काम निपटाने के निर्देश दिए हैं।
वहीद खान, भोपाल। अगर आपने अपनी जमीन या प्लॉट की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण (Mutation) करा लिया है, लेकिन उसका खसरा शामिल खाते में है और बंटवारा (Partition) नहीं कराया गया है, तो अब बंटान (Subdivision) नहीं हो पाएगा। दरअसल, सरकारी नक्शे में मालिक का नाम तभी दर्ज किया जाता है जब बंटवारा पूरा हो चुका हो।
राजधानी भोपाल में ऐसे दर्जनों जमीन मालिक हैं जिनके बंटान आवेदन बंटवारा न होने की वजह से रद्द कर दिए गए हैं। अब इन्हें दोबारा से बंटवारा के लिए आवेदन करना होगा।
खसरा में शामिल खाते से अलग करना जरूरी
नामांतरण के बाद जब खसरा रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज किया जाता है तो कई पटवारी उसे अलग एंट्री देने की बजाय शामिल खाते में डाल देते हैं। ऐसे में बंटान से पहले बंटवारा अनिवार्य हो गया है। यही वजह है कि भोपाल में 1 लाख 61 हजार से ज्यादा बंटान के मामले लंबित हैं।
इस देरी की वजह से न तो सही सीमांकन हो पा रहे हैं, न ही जमीन के दस्तावेज तैयार हो रहे हैं।
बढ़ रहे हैं जमीनी विवाद
रजिस्ट्री के बाद बंटान नहीं होने से यह पता नहीं चलता कि बेची गई जमीन की सही लोकेशन कहां है। ऐसे में कई बार एक ही जमीन की एक से ज्यादा रजिस्ट्री कर दी जाती है। इससे भोपाल और आसपास के इलाकों में जमीन विवाद और धोखाधड़ी के केस बढ़ रहे हैं।
कलेक्टर ने दिखाई सख्ती
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को निर्देश दिए है-
- नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के मामलों को प्राथमिकता से निपटाएं।
- लंबित नक्शों में बंटान डालने का कार्य जल्द पूरा करें।
- आधार से खसरे लिंक, किसान रजिस्ट्री और ई-केवाईसी जैसे मामलों का भी तेजी से समाधान करें।
- इसके लिए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
