kachra Cafe: प्लास्टिक के बदले मिलेगा खाना, किराना और नकद, जानें भोपाल के कचरा कैफे' की खासियत

Bhopal kachra cafe
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'कचरा कैफे': प्लास्टिक के बदले मिलेगा खाना, किराना और नकद; 

भोपाल नगर निगम की अनोखी पहल 'कचरा कैफे' में अब प्लास्टिक कचरे के बदले मिलेगा खाना, किराना या नकद राशि। यह पहल कचरा प्रबंधन के साथ रोजगार और स्वच्छता को बढ़ावा देगी।

Bhopal kachra Cafe: भोपाल नगर निगम ने शहर की स्वच्छता में नई क्रांति लाने के लिए अभिनव पहल की है। भोपाल में ऐसे ‘कचरा कैफे’शुरू करने की तैयारी है, जहां लोगों को प्लास्टिक और ठोस कचरे के बदले भोजन, किराना सामान अथवा नकद राशि मिलेगी। नगर निगम प्रशासन की यह योजना न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण बल्कि सामाजिक उत्थान का जरिया भी बनेगी।

कचरा कैफे क्या है?
नगर निगम प्रशासन के मुताबिक, शुरुआती चरण में भोपाल के तीन स्थानों (10 नंबर मार्केट की फुलवारी, बिट्टन मार्केट और बोट क्लब) पर कचरा कैफे शुरू जा रहे हैं। लोग यहां प्लास्टिक, ई-कचरा या कागज जमा कर कर उसके बदले भोजन, किराना या नकद राशि प्राप्त कर सकते हैं। कैफे बाजार दर से 5 रुपया अधिक कीमत देकर कचरा खरीदेगा। उदाहरण के तौर पर बाजार में प्लास्टिक कचरा यदि 15 रुपए किलो है तो कचरा कैफे उसे 20 रुपया प्रति किलो खरीदेगा।

भोपाल नगर निगम की पहल के मुख्य बिंदु

  • भोजन के बदले कचरा: सिर्फ कुछ किलो प्लास्टिक लाने पर लोगों को छोले-चावल और सब्जी जैसा पौष्टिक भोजन मिलेगा।
  • महिलाओं को सशक्तिकरण: कैफे का संचालन महिला स्व-सहायता समूह करेंगी, जिससे उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता मिलेगी।
  • बाजार से बेहतर रेट: बाजार में जहाँ प्लास्टिक ₹15 प्रति किलो बिकता है, कचरा कैफे में ₹20 प्रति किलो तक मिलेगा।
  • जागरूकता के साथ प्रोत्साहन: यह पहल लोगों को कचरे को अलग करने और रिसाइकलिंग के प्रति जागरूक करेगी।
  • प्रतिबंधित प्लास्टिक की पहचान: भोपाल में निकलने वाला लगभग 50% प्लास्टिक प्रतिबंधित होता है, जिसे अब अलग करना सस्ता और सरल होगा।

कचरा कैफे में क्या क्या मिलेगा
कचरा कैफे के संचालन की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी गई है। यहां पका हुआ भोजन और नाश्ता के अलावा दाल, चावल, आटा, मोटा अनाज, नमक, तेल, अचार, पापड़, बड़ी, नमकीन, बोतलबंद पानी, टेराकोटा, कपड़े, सजावटी सामान और पर्यावरण अनुकूल वस्तुएं उपलब्ध होंगी। इनका उत्पादन भी स्व-सहायता समूह की महिलाएं करेंगी।

कैसे लाएगा बदलाव?

बदलाव का क्षेत्र

कैसे

स्वच्छता में वृद्धि

कचरे के सही प्रबंधन से शहर साफ रहेगा

पर्यावरण सुरक्षा

प्लास्टिक रिसाइकलिंग से प्रदूषण में कमी

सामाजिक उत्थान

जरूरतमंदों को भोजन और रोजगार

आर्थिक प्रोत्साहन

प्लास्टिक के बदले नकद और आवश्यक वस्तुएं

भोपाल नगर निगम का उद्देश्य
कचरा अब बोझ नहीं, एक संसाधन है। भोपाल नगर निगम ने इस सोच को आधार बनाकर कचरा कैफे की योजना तैयार की है। ताकि, लोग खुद आगे आकर साफ-सफाई के नायक बनें। भोपाल का कचरा कैफे मॉडल देशभर के अन्य शहरों के लिए रोल मॉडल बन सकता है। यह एक ऐसा कदम है, जो स्वच्छता, रोजगार और सामाजिक चेतना तीनों को एक साथ जोड़ता है।

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