होम्योपैथी कॉलेज: 22 प्रोफेसरों की बैकडोर एंट्री पर प्राचार्य की सफाई; जानें क्या कहा?

22 प्रोफेसरों की बैकडोर एंट्री पर प्राचार्य की सफाई; जानें क्या कहा?
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होम्योपैथी कॉलेज में प्राचार्य एसके मिश्रा के बेटे की कथित बैकडोर नियुक्ति पर उठे सवाल। मिश्रा बोले– बेटा दिल्ली में प्रोफेसर है, बदनाम करने की साजिश है।

Homeopathy College Dispute Bhopal : भोपाल के होम्योपैथी कॉलेज में आउटसोर्सिंग के जरिए बिना विज्ञापन और चयन प्रक्रिया के 22 लोगों की आउटसोर्स नियुक्ति का मामला सामने आया है। आरोप है कि प्राचार्य डॉ एसके मिश्रा ने कॉलेज की आंतरिक समिति के नाम पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां कर दीं। इसके लिए न तो कोई विज्ञप्ति जारी किया गया और न ही परीक्षा या इंटरव्यू की प्रक्रिया अपनाई गई।

जानकारों ने बताया कि शासन की बिना अनुमति और बिना विज्ञापन की गई ऐसी नियुक्तियां नियम विपरीत और अवैध हैं। प्राचार्य एसके मिश्रा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कॉलेज में भर्ती सामान्य रूप से पीएससी से होती है। इस बार भर्ती में देरी हो रही थी, इसलिए कॉलेज की एग्जीक्यूटिव कमेटी (ईसी) की मंजूरी के बाद अस्थायी नियुक्तियां की गई। पीएससी से चयनित लोग आने पर इन्हें हटा दिया जाएगा।

प्राचार्य मिश्रा पर अपने बेटे रवि मिश्रा की भी बैकडोर एंट्री कराए जाने का आरोप है। हालांकि, इस संबंध में वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। प्राचार्य एसके मिश्रा इस समय रिटायर हो चुके हैं. लेकिन एक्सटेंशन दिया गया है। उन्होंने बेटे की नियुक्ति के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, मेरा बेटा दिल्ली मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर है। उसका पैकेज 4 लाख है। उसका कॉलेज से कोई संबंध नहीं है।

बदनाम करने का प्रयास

प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने कहा, यह खबर बेवजह उड़ाई गई है। ऐसा करने के पीछे स्पष्ट मंशा तो साफ नहीं है लेकिन यह सुढे और कॉलेज को बढ़नान करने का प्रयास लग रहा है। होम्योपैथी कॉलेज और अस्पताल में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। जो कई लोगों की आंखों में खटक रहे हैं।

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