भोपाल में बनेगा हाईटेक टाउनशिप: BHEL की 2200 एकड़ जमीन पर बनेगा हाउसिंग-IT-बिजनेस ज़ोन, गांधीनगर की गिफ्ट सिटी जैसी होंगी सुविधाएं

bhopal bhel township project
Bhopal Hitech BHEL Township: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को दिल्ली की एयरो सिटी, मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और गांधीनगर की गिफ्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी है। मप्र नगरीय विकास विभाग ने केंद्र की मदद से इसका रोडमैप तैयार किया है। यह प्रोजेक्ट न केवल एक बिजनेस और कमर्शियल हब होगा, बल्कि इसमें आवासीय सुविधा और आधुनिक टाउनशिप के सभी तत्व शामिल होंगे।
Bhopal BHEL Township विशेषताएं
भोपाल की यह टाउनशिप बीएचईएल ( भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ) की जमीन पर तैयार होनी है। इसके लिए बीएचईएल की 2200 एकड़ ली जाएगी। 1600 एकड़ जमीन हाईटेक सिटी तैयार की जाएगी। जबकि, शेष जमीन पर बीएचईएल और सरकार संयुक्त रूप से विकास करेंगे।
टाउनशिप में होंगी ये सुविधाएं
- रिहायशी फ्लैट्स (EWS, LIG, MIG)
- स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल
- मल्टीप्लेक्स, सुपरमार्केट, फूड कोर्ट
- आईटी पार्क, फाइनेंस ज़ोन, डेटा सेंटर
- खेल मैदान, मनोरंजन सुविधाएं
रियल एस्टेट और आवासीय लाभ
- ज्यादा एफएआर (FAR) की सुविधा से ऊंची इमारतें
- भूमि मालिक और डेवलपर के बीच पार्टनरशिप
- कम लागत में निर्माण और सस्ते मकान उपलब्ध
बीएचईएल जमीन का इतिहास और वर्तमान स्थिति
- सरकार ने 1960 के दशक में 6000 एकड़ जमीन बीएचईएल को दी थी। इसमें से 3000 एकड़ जमीन ही उपयोग हो रही है।
- बीएचईएल का दी गई 6000 एकड़ जमीन में से 764 एकड़ पर अवैध कब्जा है। 700 एकड़ में लोग खेती कर रहे हैं।
- एम्स से लगी बीएचईएल की जमीन की कीमत करोड़ों रुपए है, लेकिन यहां भी व्यापाक स्तर पर अवैध कब्जे हैं।
- बीएचईएल 90 एकड़ भूमि पर जंबूरी मैदान और 12 एकड़ पर अन्ना नगर बसा दिया गया है, जो कि पूरी तरह से अवैध है।
केंद्र और राज्य सरकार में बनी सहमति
भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले बीएचईएल की इस जमीन पर हाईटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट के लिए सहमति बन गई है। जो कि भोपाल को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। क्योंकि रातापानी टाइगर रिजर्व के कारण भोपाल का अन्य दिशा में विस्तार मुश्किल है।
4 शहरों के मॉडल का होगा अध्ययन
- मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने भेल हाईटेक प्रोजेक्ट का यह निर्णय रिटायर्ड IAS अधिकारी मनोज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के आधार पर किया है। इसके लिए बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे शहरों के सफल आईटी-इकोनॉमिक जोन का अध्ययन किया जाएगा। केंद्र सरकार भी इसके लिए विशेषज्ञ एजेंसी नियुक्त करेगी।
- केंद्र सरकार की यह एजेंसी विस्तृत अध्ययन के बाद तय करेगी भोपाल हाईटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट में कौन-कौन सी सुविधाएं शामिल की जाएं। हाउसिंग, आईटी, फाइनेंस और मार्केटिंग ज़ोन किसी अनुपात में विकसित किए जाएं। साथ ही इससे अधिकाधिक रोजगार सृजन की संभावनाएं कैसे बढ़ाई जाएं।
राजस्व का होगा 50-50 बंटवारा
टाउनशिप की विकसित ज़मीन से प्राप्त राजस्व में सरकार और बीएचईएल की समान भागीदारी होगी। कुछ ज़मीन पर बीएचईएल को सौंपी जाएंगी। जहां वह औद्योगिक इकाइयों का विस्तार कर सकेगा।
नया स्मार्ट भोपाल की परिकल्पना
भोपाल की यह परियोजना न केवल राजधानी के विकास की नई दिशा तय करेगी, बल्कि रोजगार, शहरी नियोजन और सस्ते आवास की दृष्टि से पूरे मध्यप्रदेश के लिए एक मॉडल डेवलपमेंट ज़ोन साबित हो सकती है। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र निवेशकों और नागरिकों दोनों के लिए "नया स्मार्ट भोपाल" बन सकता है।
