भोपाल हाट में क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी: राई के दाने और बाल पर बनी पेंटिंग्स ने लोगों का मन मोहा

राई के दाने और बाल पर बनी पेंटिंग्स ने लोगों का मन मोहा
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भोपाल हाट में आयोजित क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी में देशभर के कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेरा। इस प्रदर्शनी में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने वाले शिल्प गुरु गोपाल प्रसाद की कलाकृतियां खासा आकर्षण का केंद्र रहीं।

मधुरिमा राजपाल, भोपाल

मिनिएचर पेंटिंग एक ऐसी पेंटिंग है, जिसे छोटे से छोटे पदार्थ पर किया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि राई के दाने और 5.3 एमएम मोटाई वाले बाल पर भी मिनिएचर पेंटिंग की जा सकती है। ऐसा ही कुछ कारनामा करके दिखाया है लिम्का बुक आफ रिकार्ड और इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले शिल्प गुरु गोपाल प्रसाद का। इसके साथ ही गोपाल ने गोल्ड क्वाइल से राम दरबार सहित मुग्ल काल और राजपूताना राजा रानियों की भी एक से बढ़कर पेंटिंग बनाई हैं। जिनकी कीमत लाखों में है। गोपाल प्रसाद सहित देश के जाने माने आर्टिस्ट के स्टाल देखने को मिले भोपाल हाट में जारी क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी में।

राई के दाने पर बनाए गांधी और महाराणा प्रताप, बाल पर बनी बारात
राजस्थान के बिजोलिया के रहने वाले गोपाल ने कहा कि मुझे शुरू से ही कुछ नया करने का शौक था और जब मैंने मिनिएचर आर्ट फार्म के बारे में सुना तो लगा इसी में कुछ करना है। इसलिए मैंने राई के दाने और बाल को चुना। जिसमें राई के दाने पर मैंने महाराणा प्रताप, महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी महाराज, इंदिरा गांधी और मदर टेरेसा जैसे महापुरुषों के चित्र बनाए हैं। वहीं उन्होंने 5.3 एमएम मोटाई वाले बाल पर भी बारात का चित्र बनाया है। जिसे ग्लास की मदद से देखा जा सकता है। गोपाल कहते हैं के हमारे पूर्वज भीलवाड़ा के बिजोलिया राज घराने में राजमिस्त्री का काम करते थे। तभी मैं राजघराने के चित्रों को देखता और इन्हीं से प्रेरण लेकर अपनी चित्रकारी की।

प्योर कांसे में डंडी से चोट करने पर कई मिनट तक होता कम्पन
वहीं मेले में कांसे के बर्तनों की एक से बढ़कर वैरायटी लाने वाले प्रतीश ने कहा कि मेरी पत्नी दीप्ती डॉक्टर है और हमेशा अच्छा खाना और अच्छी चीजों में खाने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें पता चला कि बर्तनों में सबसे अच्छी धातु कांसा है। जिसमें 70 फीसदी कांसे के साथ 30 फीसदी टिन को मिलाया जाता है। यही कांसे का सही कॉम्बिनेशन है। इसलिए हमनें अपनी खुद की कंपनी कांसयम ओपन की। जिस पर पूरी तरह प्योर कांसे के बर्तनों का निर्माण किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्योर कांसे की खासियत है कि इसमें डंडी से हल्का सा मारने पर उसमें कम्पन होता है। जो काफी देर तक सुनाई देता है।

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