भोपाल गणेश विसर्जन जुलूस विवाद: पुलिस जांच में झूठी निकली पथराव की शिकायत, साजिश का पर्दाफाश

भोपाल: गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए कथित पथराव और मूर्तियां खंडित होने की शिकायत में बड़ा मोड़ सामने आया है। पुलिस जांच में पाया गया कि घटना से जुड़े आरोप पूरी तरह निराधार हैं और यह शिकायत सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा हो सकती है।
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान में पथराव की घटना की कोई पुष्टि नहीं हुई। इतना ही नहीं, जिन लोगों पर आरोप लगाए गए थे, वे घटना के समय दूसरी जगह मौजूद पाए गए।
यह शिकायत समिति अध्यक्ष चरण सिंह कुशवाह की ओर से दर्ज कराई गई थी। उन्होंने अब्दुल हलीम, साहिल बच्चा और यामीन खान पर पथराव और मूर्तियां खंडित करने का आरोप लगाया था। इसी आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज की थी।
चरण सिंह का पहले से चल रहा विवाद
जांच में सामने आया कि चरण सिंह पहले से ही कई विवादों में घिरे हैं। 8 अगस्त को अब्दुल हलीम ने चरण सिंह, मोनू उर्फ दीपचंद, अभिषेक और भगवान सिंह के खिलाफ गाली-गलौज और वाहन तोड़फोड़ का केस दर्ज कराया था। 29 मई को निशातपुरा निवासी सुषमा मंगरोलिया ने चरण सिंह और मोनू के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और एससी-एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई थी। पुलिस जांच से संकेत मिले हैं कि इन मामलों में काउंटर एफआईआर दर्ज न होने के चलते चरण सिंह ने बदले की भावना से झूठी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की सख्त चेतावनी
भोपाल पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामले समाज में शांति और सौहार्द बिगाड़ने के लिए किए जाते हैं। ऐसे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
