देश की पहली सर्वर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट: भोपाल में बनेंगे सर्वर के सभी पार्ट्स, एचएलबीएस कंपनी ने रचा इतिहास

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मधुरिमा राजपाल, भोपाल
प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2014 में वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह किया। इन कार्यों को करने के पीछे मोदी सरकार का उद्देश्य स्वेदशी को बढ़ावा देना और विदेशी कंपनी पर निर्भरता में कमी लाना था। प्रधानमंत्री मोदी की इसी पहल को साकार रुप देने का काम किया भोपाल की एचएलबीएस कंपनी ने, जो देश की पहली सर्वर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बन गई है। इसके द्वारा पहले जहां सर्वर चीन और ताइवान से आते थे। लेकिन अब इस कंपनी के द्वारा भोपाल में ही सर्वर के एक-एक कंपोनेंट बनाए जा रहे हैं।
चेसिस, पावर सप्लाई सहित सर्वर के सभी पाटर्स बनेंगे भोपाल में
कंपनी के एमडी मितेश लोकवाणी ने कहा कि कंपनी ने एसएसडी और मेमोरी रैम के बाद मदरबोर्ड बनाना शुरू कर दिया है। अगले एक साल में सर्वर के सभी पाटर्स (कैबिनेट, चेसिस, पावर सप्लाई और रेड कार्ड्स) भोपाल में ही बनेंगे। यह देश की पहली ऐसी यूनिट होगी जो सर्वर के पूरे कंपोनेंट भारत में बनाएगी। इससे भारत की विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी और मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी। कंपनी अगले तीन साल में लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट में लगने वाले कंपोनेंट्स के 5 लाख डिवाइस हर महीने बनाएगी। इससे भारत को आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। नई टेक्नोलॉजी और रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

जापानी मशीन से बन रहा मदरबोर्ड
मितेश ने बताया कि एचएलबीएस ने मदरबोर्ड बनाने के लिए जापान की मशीन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू किया है। मदरबोर्ड कंप्यूटर का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। इसमें हजारों छोटे कंपोनेंट होते हैं। यही प्रोसेसर, मेमोरी और एसएसडी को जोड़ता है और आॅपरेशन कंट्रोल करता है। ये मदरबोर्ड देशी ही नहीं, ग्लोबल ब्रांड्स को भी बेचे जाएंगे।

अब रेड कार्ड्स डिजाइनिंग
अब कंपनी सर्वर के लिए स्पेशलाइज्ड रिडंडेंट पावर सप्लाई और रेड काइसं डिजाइन कर रही है। यह निर्माण भी भोपाल की यूनिट में ही होगा। इसमें 1 साल लगेगा। इसके बाद पूरा सर्वर भोपाल में बनेगा।

6 हजार चिप की पहली खेप भेजी जाएगी देश-विदेश
उन्होंने बताया कि एचएलबीएस मध्य भारत की पहली कंपनी बनी है, जिसने सर्वर के लिए 512 जीबी एनवीएमई एसएसडी चिप बनाकर सर्टिफिकेशन हासिल किया है। अब 6 हजार चिप की पहली खेप देश-विदेश भेजी जाएगी। कंपनी पूरी क्षमता से रोजाना 15 हजार चिप बना सकती है। यह मैन्युफैक्बरिंग में मप्र की बड़ी उपलब्धि है।
मितेश ने कहा कि हम देश की पहली यूनिट बनने जा रहे हैं, जो पूरा सर्वर भारत में बनाएगी। हर माह 5 लाख कंपोनेंट बनाना व देश को आईटी में आत्मनिर्भर बनाना ही हमारा लक्ष्य है।
