ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: ट्रेन में गेट के पास डरे सहमे बैठे थे झारखंड के मूक बधिर बच्चे, RPF ने परिजनों से मिलवाया

भोपाल (कपिल देव श्रीवास्तव)। भोपाल रेल मंडल लगातार स्टेशनों पर ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते चलाकर बच्चों का रेस्क्यू कर रही है। भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर ड्यूटी पर तैनात आरपीएएफ के सहायक उपनिरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने शनिवार (24 मई) को गश्त के दौरान झारखंड के दो नाबालिक मूकबधिर बच्चों का रेस्क्यू किया है। गोरखपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस ( ट्रेन नंबर 07076) के जनरल कोच में यह बच्चे दरवाजे के पास डरे सहमे बैठे हुए थे।
इशारों से जताई फोन करने की इच्छा
आरपीएफ पोस्ट में दोनों बच्चों ने इशारों में फोन करने की इच्छा जताई। जिस पर तत्परता दिखाते हुए उनके परिजनों से संपर्क स्थापित किया गया। दोनों बालक प्रवीण कुमार, उम्र 14 वर्ष तथा सावन कुमार, उम्र 17 वर्ष झारखंड राज्य के देवघर जिले के निवासी हैं। 16 मई 2025 से लापता थे। इस संदर्भ में स्थानीय थाना कुंडा एवं थाना जसडीह में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी
अधिकारियों ने परिजनों को किया सूचित
भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने परिजनों को सूचित किया कि उनके बच्चे भोपाल स्टेशन में सुरक्षित हैं। जयप्रकाश नारायण (जेपी) अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति अध्यक्ष धनीराम सिंह पवार एवं अन्य सदस्यों ने विचारोपरांत किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 27 के अंतर्गत दोनों बालकों को अस्थाई संरक्षा के लिए एसओएस बालग्राम (स्पेशल) संस्था को सौंपा गया।
आरपीएफ की सतर्कता का प्रतीक
भोपाल रेल मंडल में आरपीएफ कमांडेंट के मार्गदर्शन में ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते चला कर बच्चों को परिजन तक भोपाल आरपीएफ पहुंचा रही है। कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि यह कार्य न केवल रेलवे सुरक्षा बल की सतर्कता एवं तत्परता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों तथा समाज के विशेष रूप से सक्षम वर्ग के प्रति निभाई जा रही सामाजिक जिम्मेदारी का भी उदाहरण है।
