एक्वा पार्क: भोपाल में 40 करोड़ से बसेगा मछलियों का संसार, पर्यटन में आएगा बूम

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एक्वा पार्क: भोपाल में 40 करोड़ से बसेगा मछलियों का संसार

भोपाल के भदभदा स्थित मछलीघर परिसर में 40 करोड़ से एक्वा पार्क बनने जा रहा है। इससे न सिर्फ मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भोपाल के पर्यटन को भी गति मिलेगी।

Bhopal Aqua Park : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मछलीघर को नई पहचान मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार (12 जुलाई) को भदभदा स्थित मछलीघर परिसर में अत्याधुनिक ‘एक्वा पार्क’ का भूमिपूजन करेंगे। यह पार्क न मत्स्य पालन और उससे जुड़े स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा, बल्कि मध्य प्रदेश के पर्यटन को नई दिशा देगा।

करीब 40 करोड़ रुपए की यह महत्वाकांक्षी परियोजना भोपाल के पर्यटन को नई ऊंचाई देगी। पर्यटक यहां नॉलेज के साथ रोमांच का अनुभव महसूस करेंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए 25 करोड़ स्वीकृत किए हैं। शेष 15 करोड़ रुपये राज्य की मोहन यादव सरकार वहन करेगी।

मछलियों और जलजीवों पर रिसर्च करेंगे स्टूडेंट्स

भोपाल में यह पार्क सिर्फ मछलीघर नहीं बल्कि रोमांचक और पर्यावरणीय अनुभव का केंद्र बनेगा, जहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग पर्यटकों तक शांति और सुकून महसूस करेंगे। स्टूडेंट्स यहां मछलियों में होने वाले बदलावों और उनके विकास को समझ सकेंगे।

Bhopal Aqua Park की प्रमुख विशेषताएं

  • डिजिटल एक्वेरियम: रियल टाइम मछली गतिविधियों का डिजिटल प्रदर्शन
  • वाटर टनल: पर्यटक यहां मछलियों के बीच जल क्रीड़ा कर कर सकेंगे।
  • 3D इंटरैक्टिव जोन: बच्चों के लिए नॉलेज और रोमांच अनुभव मिलेगा।
  • सी-लाइफ लर्निंग सेंटर: स्कूल और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक केंद्र
  • मत्स्य अनुसंधान केंद्र: मत्स्य पालन और जल जीवन पर शोध की जा सकेगी
  • मत्स्य सेवा केंद्र: मछली पालकों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
  • आंत्रप्रेन्योरशिप व इनक्यूबेशन सेंटर: मत्स्य आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा
  • कैफेटेरिया और गिफ्ट शॉप: थीम आधारित खानपान और उपहार वस्तुएं मिलेंगी।
  • पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम: जल और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास

पर्यटकों और नई पीढ़ी के लिए सीखने का अवसर

यह एक्वा पार्क केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि शिक्षा-शोध, आंत्रप्रेन्योरशिप और पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। खासकर, बच्चों के लिए यह जल जीवन की बारीकियों को समझने और उनमें विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने का जरिया बनेगा।

मछलियों की दुनिया का नया घर

  • पुराना मछलीघर भोपालवासियों के लिए वर्षों से यादों का हिस्सा रहा है। स्कूल की पिकनिक, रंग-बिरंगी मछलियों को देखती आंखें और नीली रोशनी में चमकती जल-जगत की झलक। अब यह स्थल ‘एक्वा पार्क’ के रूप में फिर से जीवंत हो रहा है।
  • यहां समुद्री और मीठे पानी की सैकड़ों प्रजातियों की मछलियां आकर्षण का केंद्र होंगी। इसके साथ ही अत्याधुनिक सुविधाएं इस पार्क को विशिष्ट बनाएंगी।

पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों का समावेश

भोपाल एक्वा पार्क में मत्स्य पालन की पारंपरिक और नवीन तकनीकों की डेमोंस्ट्रेशन यूनिट बनाई जाएगी। जहां मछली पालन से जुड़े किसान और उद्यमी आधुनिक तकनीकें सीख सकेंगे। सरकार का यह प्रयास प्रदेश के ‘ब्लू इकॉनॉमी मिशन’ को मजबूती देगा।

पर्यटन के साथ भावनात्मक जुड़ाव

भोपालवासियों की इस पार्क से पुरानी स्मृतियां ताजा होंगी। क्योंकि एक्वा पार्क सिर्फ मछलियों को देखने की जगह नहीं, बल्कि यह एक ऐसा स्थान होगा, जो इतिहास, विज्ञान, पर्यावरण और मनोरंजन को जोड़ते हुए एक भावनात्मक और आधुनिक अनुभव देगा।

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