भिंड जिला अस्पताल में लापरवाही: दर्द से तड़पती महिला की खुले में डिलेवरी, समाजसेवी ने बचाई मां-बच्चे की जान; वीडियो

Bhind hospital delivery news:  भिंड अस्पताल की लापरवाही का वीडियो वायरल: खुले में प्रसव, जांच के आदेश
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भिंड अस्पताल की लापरवाही का वीडियो वायरल: खुले में प्रसव, जांच के आदेश

भिंड जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, भर्ती में देरी से महिला ने खुले में बच्चे को जन्म दिया। समाजसेवी की मदद से मां-बच्चे की जान बची। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए।

शुभम जैन की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के भिंड जिला अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को अस्पताल में भर्ती करने में देरी के कारण परिसर में ही खुले में प्रसव हो गया।

नवजात को जन्म देने के बाद भी अस्पताल स्टाफ की सुस्ती बरकरार रही, जिससे प्रसूता और उसके बच्चे की जान पर बन आई। यह घटना अस्पताल प्रबंधन की गंभीर चूक को उजागर करती है, जहां तमाशबीन बने लोग केवल देखते रहे, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।

घटना सोमवार शाम पौने पांच बजे की है, जब ग्रामीण इलाके से आई प्रसूता महिला अस्पताल पहुंची। उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में देरी के चलते वह परिसर में ही गिर पड़ी।

आसपास के लोग वीडियो बनाते नजर आए, लेकिन कोई सहायता न मिली। इसी बीच, महिला समाजसेवी रानी जैन ने दर्द से तड़पती महिला को देखा। उन्होंने तुरंत नर्सिंग ऑफिसर को फोन किया, लेकिन सुनवाई में देरी हुई।



समाजसेवी ने अन्य महिलाओं की मदद से प्रसूता के इर्द-गिर्द पर्दा डालकर थोड़ी गोपनीयता प्रदान की। जैन ने गुस्से में कहा- "यह कैसी व्यवस्था है? एक महिला खुले में तड़प रही है और स्टाफ सो रहा है।"

करीब आधे घंटे बाद प्रसव प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। नवजात स्वस्थ पैदा हुआ, लेकिन प्रसूता खून से लथपथ थी। तभी लेबर रूम की महिला कर्मचारी पहुंचीं। समाजसेवी और कर्मचारियों के बीच देरी पर तीखी बहस हो गई। प्रसूता के परिजनों ने भी स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया।

आखिरकार, प्रसव उपरांत कर्मचारियों ने मां-बच्चे को वार्ड में शिफ्ट किया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

अस्पताल के रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) आर.एस. कुशवाहा ने देरी के आरोपों का खंडन किया। "स्टाफ समय पर पहुंचा था। यह अफवाहें हैं। उन्होंने कहा- "हम जांच कराएंगे।"

हालांकि, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे स्थानीय स्तर पर आक्रोश फैल गया है। जिला कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण अस्पतालों में स्टाफ की कमी और प्रक्रियाओं की जटिलता ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही है। उम्मीद है कि इसकी निष्पक्ष जांच से दोषियों पर कार्रवाई हो।

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