लॉ कॉलेज: BU से संबद्धता समाप्त होने के बाद भी कराई परीक्षा, संकट में 'भविष्य'

बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय
Barkatullah University: भोपाल स्थित बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय (BU) में लॉ शिक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जहां एक ओर यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में फर्जी फैकल्टी की नियुक्ति की बात सामने आई है, वहीं दूसरी ओर उससे भी गंभीर आरोप यह हैं कि कई संबद्ध कॉलेजों में बिना बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की मान्यता के प्रवेश दिए जा रहे हैं।
प्रथम-द्वितीय वर्ष तक की संबद्धता, लेकिन तृतीय-चतुर्थ वर्ष की परीक्षाएं कराई गई!
बता दें, विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ लॉ कॉलेजों को केवल प्रथम और द्वितीय वर्ष की ही संबद्धता प्राप्त है, इसके बावजूद तृतीय और चतुर्थ वर्ष की परीक्षाएं भी करवाई गई हैं। यह UGC और BCI दोनों के नियमों का उल्लंघन है।
छात्रों के भविष्य पर मंडराया खतरा
ऐसे कॉलेजों से पास आउट होने वाले छात्रों की डिग्री को बार काउंसिल कभी भी अवैध घोषित कर सकती है। छात्र 3–5 साल की पढ़ाई और लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे या उनकी डिग्री रद्द हो सकती है।
फर्जी फैकल्टी का मामला भी उजागर
विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज में कुछ फैकल्टी शैक्षणिक योग्यताओं और नियुक्ति प्रक्रिया के मानकों पर खरे नहीं उतरते। आरोप है कि कई शिक्षक बिना आवश्यक योग्यता या अनुभव के पढ़ा रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या कहते हैं BCI और UGC के नियम?
BCI नियमों के अनुसार, किसी भी लॉ कॉलेज को छात्रों को प्रवेश देने से पहले बार काउंसिल से मान्यता लेना अनिवार्य है। UGC (University Grants Commission) भी स्पष्ट रूप से कहती है कि किसी कोर्स में एडमिशन और डिग्री केवल तभी वैध मानी जाएगी जब वह संबंधित नियामक संस्था से मान्य हो।
