अगस्त क्रांति 2025: भोपाल में स्वदेशी जागरण मंच की रैली, विदेशी कंपनियों भारत छोड़ो का शंखनाद

'अगस्त क्रांति 2025' अभियान कार्यक्रम में विदेशी वस्तुओं की प्रतीकात्मक होली भी जलाई गई.
भोपाल में 'अगस्त क्रांति 2025' की शुरुआत करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने बुधवार शाम विदेशी वस्तुओं और कंपनियों के खिलाफ जोरदार शंखनाद किया। 10 नंबर मार्केट स्थित हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित रैली में कार्यकर्ताओं, व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों ने हाथों में तख्तियां लेकर विदेशी कंपनियों के बहिष्कार और स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया।
नारों से गूंजते इस कार्यक्रम में विदेशी वस्तुओं की प्रतीकात्मक होली भी जलाई गई, जिससे आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया गया।
'अगस्त क्रांति 2025' के मुख्य आकर्षण
10 नंबर मार्केट से शुरू हुआ अभियान : स्वदेशी जागरण मंच के मध्य भारत प्रांत ने रैली और जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन 10 नंबर मार्केट स्थित हनुमान मंदिर परिसर में शाम 6 बजे किया।

नारों से गूंजा वातावरण : रैली में "स्वदेशी अपनाएं, विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो" जैसे नारे लगे। कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने हाथों में तख्तियां लेकर विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया।

विदेशी वस्तुओं की जलाई होली: रैली के अंत में विदेशी वस्तुओं की प्रतीकात्मक होली जलाकर स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया गया।

स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया
नगर निगम भोपाल के पूर्व सभापति सुरजीत सिंह चौहान ने लोगों को स्वदेशी सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर 10 नंबर मार्केट व्यापारी संघ महासचिव हरीश चोइथानी, भाजपा झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ अध्यक्ष महेंद्र दवे, सुनील पांडे, मंदिर समिति के अध्यक्ष पयोज जोशी, लघु उद्योग भारती एवं अखिल भारतीय स्वावलंबी भारत अभियान के सह संयोजक जितेंद्र गुप्त, क्षेत्रीय संगठक केशव दुबौलिया, उद्योगपति प्रेम चावला, महिला कार्य प्रमुख डॉ. प्रतिभा चतुर्वेदी, प्रांत संगठक हेमंत रावत, मध्य भारत प्रांत संयोजक श्रीकांत बुधौलिया, मध्य भारत प्रांत महिला प्रमुख सीमा भारद्वाज, समाजसेवी समता अग्रवाल, हरिओम सेन, दीपा शर्मा, प्रज्ञा सेन, अश्विनी सिन्हा, अरविंद विश्वरूप, किशोर बागड़े समेत तमाम स्वदेशी कार्यकर्ताओं ने भी विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी के उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित किया।
सभी वक्ताओं और कार्यकर्ताओं ने आम लोगों से अपील की कि वे विदेशी उत्पादों का बहिष्कार करें और स्थानीय, स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं।
