सुपर-30 नहीं अब सबको मिलेगी शिक्षा: आनंद कुमार ने इंदौर में खोले अपनी सफलता के राज; जानिए क्या कहा?

सुपर-30 नहीं अब सबको शिक्षा: आनंद कुमार बोले-जैन संस्कारों में हैं मेरी सफलता की जड़ें
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सुपर-30 नहीं अब सबको शिक्षा: आनंद कुमार बोले-जैन संस्कारों में हैं मेरी सफलता की जड़ें 

सुपर-30 के फाउंडर पद्मश्री आनंद कुमार ने इंदौर में कहा कि उनकी सफलता की नींव जैन विचारधारा में छिपी है। वे जल्द ही गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा मंच शुरू करने की योजना बना रहे हैं। जानिए उन्होंने क्या कहा...

Anand kumar Indore Speech : 'सुपर-30' के संस्थापक पद्मश्री आनंद कुमार शनिवार को इंदौर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी सफलता की जड़ें बचपन में मिले जैन संस्कारों और विचारधारा में छुपी हैं। कहा, दादा-दादी के साथ बचपन में जैन मंदिर जाया करता था, जहां अहिंसा, सादगी और निःस्वार्थ सेवा की सीख मिली, जिसे मैंने जीवन में उतार लिया।

पद्मश्री आनंद कुमार शनिवार को इंदौर के एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में आयोजित जैनाचार्य पपू विश्वरत्न सागर मसा के सान्निध्य में चातुर्मासिक अनुष्ठान में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान कहा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए वे देशभर के बच्चों का शिक्षा देने की योजना पर काम कर रहे हैं।


आनंद कुमार के मुताबिक, अब वह सिर्फ सुपर 30 नहीं, बल्कि देश के लाखों बच्चों को शिक्षा देंगे। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि कोई भी बच्चा सिर्फ इसलिए पीछे न रहे कि उसके पास पैसे नहीं हैं। देश के हर गरीब बच्चे तक पहुंचाना मेरा सपना है।

जैन मुनियों से मिली प्रेरणा

आनंद कुमार ने बताया कि मेरे जीवन में कई संकट आए। कई बार माफिया से लड़ना पड़ा, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। जैनाचार्यों के प्रवचनों से धैर्य और निडरता मिली। उन्होंने कहा कि जीवन में किताबी ज्ञान के साथ संस्कार और व्यावहारिक बुद्धिमत्ता भी जरूरी है।

जैनाचार्य बोले-आनंद शास्वत क्रांति की मिसाल

जैनाचार्य पपू विश्वरत्न सागर मसा ने आनंद कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा, महावीर स्वामी सिर्फ हमारे नहीं, पूरी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। आनंद कुमार जैसे लोग शाश्वत क्रांति की मिसाल हैं। उन्होंने शिक्षा से समाज बदलने का कार्य किया है।

इंदौर की साफ तरह साफ करें मन की गंदगी

आनंद कुमार ने इंदौर को सफाई में देश का अग्रदूत बताते हुए कहा, जैसे इंदौर ने गंदगी साफ की, वैसे ही हमें अपने अंदर की नकारात्मकता भी साफ करनी चाहिए। शिक्षा के साथ संस्कार और अहिंसा को जीवन में उतारना चाहिए।

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