Abhyuday MP Growth Summit: ग्वालियर से बदलेगा मध्यप्रदेश का आर्थिक नक्शा, अभ्युदय ग्रोथ समिट में बड़े ऐलान

Abhyuday MP Growth Summit
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ग्वालियर में अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट में अमित शाह ने सीएम मोहन यादव की तारीफ की। 5810 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ।

Abhyuday MP Growth Summit: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर ग्वालियर में आयोजित ‘अभ्युदय : मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट’ ने प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य को नई दिशा दी। इस भव्य आयोजन में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व की खुलकर सराहना करते हुए उन्हें औद्योगीकरण के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “सच्चा अनुयायी” बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में संरचित औद्योगिक सम्मेलनों की परंपरा शुरू की थी, उसी सोच को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. यादव आगे बढ़ा रहे हैं।

समिट के दौरान 5,810 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक विकास और सड़क निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। साथ ही 860 औद्योगिक इकाइयों को 725 करोड़ रुपये की निवेश प्रोत्साहन सहायता एक ही क्लिक में वितरित की गई, जिससे उद्योग जगत में विश्वास और उत्साह का माहौल बना।

संरचित औद्योगिक दृष्टिकोण की सराहना

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य दो ही नेताओं ने किए हैं। एक समय में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और वर्तमान में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के माध्यम से औद्योगिक समिट को एक वैज्ञानिक और सुव्यवस्थित ढांचा दिया, जिससे राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आया।

इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव की शुरुआत कर मध्यप्रदेश के संतुलित विकास की नींव रखी है। अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश सम्मेलन आयोजित कर वहां निवेश के भूमिपूजन और परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की यह पहल आने वाले वर्षों में प्रदेश को व्यापक लाभ पहुंचाएगी।

निवेश, तकनीक और प्रशासनिक नवाचार

समिट के दौरान मध्यप्रदेश में बीते दो वर्षों में हुए औद्योगिक विकास पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक और निवेश पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसके साथ ही साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ई-जीरो एफआईआर व्यवस्था की शुरुआत की गई। दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने चार निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र और लेटर ऑफ इंटेंट भी सौंपे। इसके अतिरिक्त ग्वालियर जिले में 153.04 करोड़ रुपये की लागत से 57 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 23.79 करोड़ रुपये की लागत वाले 13 कार्यों का भूमिपूजन किया गया।

संतुलित विकास पर जोर

अमित शाह ने कहा कि किसी भी राज्य के लिए संतुलित विकास अत्यंत आवश्यक है। यदि विकास केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित रह जाए, तो राज्य की समग्र प्रगति संभव नहीं होती। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं होती हैं और इन्हें पहचानकर आगे बढ़ाना ही सुशासन की पहचान है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मालवा, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में कपास पारंपरिक फसल रही है, लेकिन किसानों को लंबे समय तक इसका उचित मूल्य नहीं मिला। अब पीएम मित्र पार्क की स्थापना से इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है और कपास फिर से लाभकारी फसल बन रही है।

भौगोलिक स्थिति बना रही ताकत

केंद्रीय गृह मंत्री ने मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति को उसकी सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि राज्य देश के मध्य में स्थित होने के कारण कम परिवहन लागत में देश के बड़े हिस्से तक आपूर्ति करने में सक्षम है। लेकिन इस लाभ का पूर्ण उपयोग तभी संभव है जब राज्य में सिमेट्रिक इंडस्ट्री विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि दक्षिण, उत्तर और पश्चिम से जुड़े सभी जिलों में उद्योग स्थापित होने चाहिए, ताकि पूरे प्रदेश को औद्योगिक विकास का समान लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा आयोजित क्षेत्रीय निवेश समिट इसी सोच का परिणाम है।

सबसे तेजी से बढ़ता मध्यप्रदेश

अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश आज देश के सबसे तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव और संसाधनों की कमी के बावजूद प्रदेश ने कृषि, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, खनन, फार्मा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को इस वर्ष देश में तीसरा सबसे अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो राज्य की नीतिगत स्पष्टता और प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।

ग्वालियर की ऐतिहासिक भूमिका

अपने संबोधन में अमित शाह ने ग्वालियर क्षेत्र के ऐतिहासिक योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इस भूमि ने देश को संगीत, संस्कृति, सेना और राजनीति के क्षेत्र में अनेक महान व्यक्तित्व दिए हैं। तानसेन की संगीत साधना से लेकर स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के विराट व्यक्तित्व तक, ग्वालियर ने राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीति का महामानव बताते हुए उनके योगदान परमाणु शक्ति, सड़क विकास, कारगिल विजय और हिंदी गौरव को स्मरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश निवेश, रोजगार और समावेशी विकास का नया मॉडल गढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि यह समिट केवल निवेश का मंच नहीं, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार सृजन और प्रदेश के औद्योगिक भविष्य की आधारशिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश अब संभावनाओं का केंद्र बन चुका है। राज्य में 18 नई उद्योग-अनुकूल नीतियां, विस्तृत लैंड बैंक, भरपूर जल संसाधन, कुशल मानव संसाधन और मजबूत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क निवेशकों के लिए आदर्श वातावरण तैयार कर रहे हैं।

निवेशकों को भरोसा

डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेशकों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, आईटी और पेट्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों में निवेश के व्यापक अवसरों की जानकारी दी। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे मध्यप्रदेश को अपना साझेदार बनाएं, क्योंकि यहां निवेश हर दृष्टि से लाभकारी सिद्ध होता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे मध्यप्रदेश के “अभ्युदय का काल” बताते हुए कहा कि ग्वालियर की धरती से प्रदेश के विकास को नई गति मिली है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इसे औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर बताया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को भारत की आत्मा की आवाज बताते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया।

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