भोपाल: तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की शुरुआत, 2000 से अधिक जनप्रतिनिधि और अधिकारी होंगे शामिल

सीएम मोहन यादव।
भोपाल। प्रदेश की पंचायतों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के उद्देश्य से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला और वाटरशेड महोत्सव का आयोजन 24 से 26 नवंबर तक भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे।
इस कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित कई वरिष्ठ मंत्री, विभागीय अधिकारी, विशेषज्ञ और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
2000 से अधिक जनप्रतिनिधि और अधिकारी होंगे शामिल
कार्यशाला में त्रि-स्तरीय पंचायतों से जुड़े 2000 से अधिक जनप्रतिनिधि और अधिकारी भाग लेंगे। इनमें जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के सरपंच शामिल हैं। तीन दिनों तक पंचायत शासन, वित्तीय प्रबंधन, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ ग्राम, शहरीकरण के साथ सामंजस्य और विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा होगी।
जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मान
कार्यक्रम में जल गंगा संवर्धन अभियान के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर जिलों व जनपदों को सम्मानित किया जाएगा।
जिले स्तर पर:
- खंडवा प्रथम
- रायसेन द्वितीय
- बालाघाट तृतीय
- खेत तालाब निर्माण श्रेणी:
- ए श्रेणी: अनूपपुर
- बी श्रेणी: बालाघाट
विकासखंड स्तर पर:
- ए श्रेणी: बिरसा जनपद (बालाघाट)
- बी श्रेणी: पुष्पराजगढ़ (अनूपपुर)
मनरेगा परिषद और राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के अधिकारी-कर्मचारी भी उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किए जाएंगे।
इस कार्यशाला का लक्ष्य पंचायतों को प्रशासनिक, वित्तीय और सामुदायिक रूप से मजबूत बनाकर आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाना है। इसमें निम्न विषयों पर फोकस होगा:
- 'स्वनिधि से समृद्धि' अभियान
- वाटरशेड परियोजनाओं का क्रियान्वयन
- स्वच्छ ग्राम और पेयजल उपलब्धता
- प्रधानमंत्री आवास, जनमन, ग्राम सड़क एवं पीएम पोषण योजनाओं का प्रभावी संचालन
- पेसा ग्राम सभाओं की स्थिति
- डिजिटल मॉनिटरिंग व सामाजिक अंकेक्षण
- प्रशासनिक क्षमता निर्माण
पैनल डिस्कशन और तकनीकी सत्र
कार्यशाला में प्रतिदिन पैनल डिस्कशन, केस स्टडी, फील्ड उदाहरण, समूह गतिविधियाँ और अनुभव साझा सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ इन तकनीकी सत्रों का नेतृत्व करेंगे।
