MP Tourist Village Scheme: पर्यटक अब खानपान के साथ पहनावे से भी जानेंगे ग्रामीण संस्कृति, पर्यटन को मिलेगा बूस्ट

महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने बुंदेलखंड की कला और संस्कृति पर आधारित पोशाकें डिज़ाइन की।
मधुरिमा राजपाल की रिपोर्ट, भोपाल: मध्य प्रदेश, पर्यटन के क्षेत्र में देश-विदेश में अपनी ख्याति रखता है। इस खासियत को और बढ़ाने के लिए मप्र टूरिज्म विभाग ने एक नई पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके तहत पर्यटक ग्रामीण अंचलों की कला और संस्कृति को और करीब से अनुभव कर सकें।
होम स्टे में अब मिलेगा पारंपरिक पहनावे का अनुभव
प्रदेश सरकार की होम स्टे योजना के तहत पर्यटकों को ग्रामीण खान-पान और रहन-सहन का अनुभव मिलता है। अब इस योजना को और आकर्षक बनाने के लिए होम स्टे में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को ग्रामीण परिवेश की पारंपरिक पोशाकें उपलब्ध कराई जाएंगी।

महिला पॉलिटेक्निक छात्राओं ने डिज़ाइन कीं 32 ड्रेसेस
भोपाल के शिवाजी नगर स्थित महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने बुंदेलखंड की कला और संस्कृति पर आधारित पोशाकें डिज़ाइन की हैं। ये पोशाकें ओरछा के पास स्थित प्रसिद्ध गांव लाडपुरा खास में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। छात्राओं ने करीब 32 ड्रेसेस डिज़ाइन की हैं, जो बुंदेली संस्कृति को दर्शाती हैं।
इन पोशाकों को पहनकर लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे, जिससे पर्यटक ग्रामीण परिवेश को और गहराई से महसूस कर सकेंगे। प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर अंजू चौरसिया ने बताया कि ये ड्रेसेस मप्र टूरिज्म विभाग के प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई हैं। अब महाकौशल क्षेत्र के लिए भी पोशाकें डिज़ाइन की जा रही हैं।
123 टूरिस्ट विलेज में शोध आधारित कॉस्ट्यूम डिज़ाइन
मप्र टूरिज्म विभाग की एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर बिदिशा मुखर्जी ने बताया कि विभाग ने महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ एक एमओयू साइन किया है। इसके तहत मालवा, महाकौशल, चंबल सहित प्रदेश के पांच अलग-अलग अंचलों के लिए कॉस्ट्यूम्स डिज़ाइन किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है। विभाग 123 टूरिस्ट विलेज में काम कर रहा है, जहां स्थानीय पहनावे और संस्कृति पर शोध के आधार पर ड्रेसेस डिज़ाइन की जा रही हैं।

बिदिशा मुखर्जी
माइक्रो इंटरप्राइजेज प्रोजेक्ट से कलाकारों को वाद्य यंत्र उपलब्ध
बिदिशा मुखर्जी ने बताया कि माइक्रो इंटरप्राइजेज प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न अंचलों के प्रमुख वाद्य यंत्र जैसे बांसुरी, ढोलक, टिमकी, चिकारा, घेरा, पावली, पुंगी, किंगरी, खिरखिरा, धनकुल आदि भी कलाकारों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे पर्यटक मप्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से और बेहतर तरीके से परिचित हो सकेंगे।
