BJP Politics: PM मोदी के नेतृत्व में ही लड़ना होगा 2029 का चुनाव; निशिकांत ने क्यों कही यह बात?

निशिकांत दुबे का बड़ा दावा: मोदी नहीं रहे तो BJP 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी
Nishikant Dubey on PM Modi BJP Future: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने एक विवादास्पद बयान देकर अपनी पार्टी में सियासी हलचल मचा दी। उन्होंने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर पार्टी का नेतृत्व छोड़ दें तो भाजपा लोकसभा की 150 सीटें भी न जीत पाए। निशिकांत का यह बयान ऐसे समय में आया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के हो रहे हैं। साथ ही राजनीतिक गलियारों में 2029 के आम चुनाव और मोदी नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
निशिकांत दुबे यह बयान समाचार एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगले 15-20 साल तक देश को नरेंद्र मोदी जैसे नेता की ही जरूरत है। भाजपा की सारी चुनावी रणनीति और जन समर्थन नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द ही केंद्रित है। अगर वह पीछे हट जाएं तो पार्टी का प्रदर्शन बुरी तरह से प्रभावित होगा।
मोदी की अपील गरीबों तक पहुँची
- निशिकांत दुबे ने 2014 के बाद हुए राजनीतिक बदलावों पर विस्तार से चर्चा की। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP को वो वोट बैंक भी मिला, जो पहले कभी नहीं मिला। उन्होंने गरीब और वंचित वर्ग को पार्टी से जोड़ा है।
- निशिकांत दुबे ने यह भी कहा, नरेंद्र मोदी ने गरीबों का विश्वास जीता है। देश का आम आदमी जो कभी कांग्रेस या क्षेत्रीय दलों की तरफ देखता था आज मोदी के साथ खड़ा है। 2014, 2019 और 2024 के चुनाव में इतनी बड़ी जीत उन्हीं के चलते संभव हो पाई है।
2029 चुनाव की ‘मजबूरी’
- निशिकांत दुबे ने कहा, पार्टी और कार्यकर्ता तो माध्यम हैं, असली नेता तो मोदी ही हैं। बीजेपी के पास फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी से बेहतर विकल्प मौजूद नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2029 का आम चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ना होगा।
- निशिकांत दुबे ने कहा, मोदी के नेतृत्व से हटते ही पार्टी बिखर जाएगी। अगर प्रधानमंत्री मोदी हमारे नेता नहीं हैं, तो मेरी बात याद रखिएगा, BJP 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।
क्या उम्र आड़े आएगी?
जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी की उम्र 2029 तक चुनावी नेतृत्व के लिए उपयुक्त होगी, तो दुबे ने इस तर्क को खारिज कर दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का उदाहरण देते हुए कहा, “83 साल की उम्र में भी उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया था। तो मोदी जी अभी भी सक्षम हैं और स्वस्थ हैं। जब तक वो स्वस्थ हैं, तब तक उन्हें देश का नेतृत्व करते रहना चाहिए।”
RSS की 75 वर्ष नीति पर प्रतिक्रिया
हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि नेताओं को 75 वर्ष की उम्र के बाद पद छोड़ देना चाहिए, ताकि युवा नेतृत्व को मौका मिले। इस पर दुबे ने अप्रत्यक्ष रूप से असहमति जताई और कहा कि "नेतृत्व उम्र से नहीं, दृष्टि और जन समर्थन से तय होता है।"
राजनीति में क्या संकेत हैं?
- दुबे का यह बयान ऐसे समय आया है जब राजनीतिक विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मोदी 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे या नहीं। BJP की सीनियर लीडरशिप में भी यह बहस चल रही है कि पार्टी को आगे किस चेहरे के साथ प्रस्तुत किया जाए।
- लेकिन निशिकांत दुबे का यह बयान भाजपा के भीतर "मोदी-निर्भर राजनीति" को एक बार फिर उजागर करता है। पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम जनमानस में भी मोदी की लोकप्रियता बरकरार है, जिसका असर हर चुनाव में देखा गया है।
