झारखंड चुनाव: अवैध प्रवासियों का समर्थन कर रही हेमंत सोरेन सरकार; अमित शाह ने लगाए गंभीर आरोप

Jharkhand Elections 2024: झारखंड चुनाव 2024 नज़दीक आते ही राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा गर्मा गया है। हाल के वर्षों में हेमंत सोरेन सरकार(Hemant Soren Government) की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं, जिसमें कई लोग इसे अवैध प्रवासियों के समर्थन के रूप में देख रहे हैं। इस मामले में झारखंड सरकार द्वारा हाई कोर्ट में प्रस्तुत शपथ पत्रों ने न्यायपालिका को भी चिंतित कर दिया है।
अमित शाह ने कहा- सोरेन सरकार घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने JMM-नीत इंडिया ब्लॉक सरकार को लेकर संदेह उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है। अगर हमारी सरकार आई, तो इन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मैं घुसपैठियों को कहना चाहता हूं कि चैन से सोना बंद कर दें।
झारखंड में एक ओर घुसपैठियों को बचाने वाले JMM, कांग्रेस और RJD हैं, तो दूसरी ओर झारखंड की रोटी, बेटी, माटी को बचाने वाली भाजपा है। pic.twitter.com/Mi0BlMeBls
— Amit Shah (@AmitShah) November 3, 2024
क्या हेमंत सोरेन सरकार अवैध घुसपैठियों का समर्थन कर रही है?
यह पहली बार नहीं है जब JMM सरकार पर झारखंड में अवैध प्रवासियों का समर्थन करने के आरोप लगे हैं। आलोचकों का दावा है कि मौजूदा प्रशासन अनजाने में या जानबूझकर अवैध व्यक्तियों को राज्य में बसने की अनुमति दे रहा है। इससे न केवल कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और चुनावी जनसांख्यिकी भी प्रभावित हो रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार का रवैया विशेष रूप से संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है। आरोप हैं कि उदार प्रशासनिक नीतियों से अवैध प्रवासियों को आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त करने की अनुमति मिल रही है, जिससे उनकी पहचान करना कठिन हो जाता है। इस स्थिति को जनजातीय समुदायों की विशिष्ट पहचान और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
अंकिता हत्याकांड: राज्य के कानूनी माहौल का प्रतिबिंब
अंकिता हत्याकांड पर सार्वजनिक आक्रोश अब भी ताज़ा है। इस मामले में न केवल प्रताड़ना और हत्या, बल्कि जबरन धर्मांतरण की कोशिशें भी सामने आईं। इस केस में राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठे हैं और इसे झारखंड की वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति के रूप में देखा जा रहा है।
JMM की नीति से अवैध प्रवासियों को बढ़ावा मिलने का खतरा
ऐसी चिंताएं हैं कि प्रशासन का रुख उन लोगों को प्रोत्साहित कर सकता है जो राज्य के संसाधनों का बिना जवाबदेही के उपयोग करना चाहते हैं। यह आशंका है कि राज्य में घुसपैठियों की उपस्थिति वोट बैंक की राजनीति का परिणाम हो सकती है।
वोट बैंक की राजनीति: झारखंड के साथ विश्वासघात?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सरकार द्वारा अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर जानबूझकर आंखें मूंदने का कारण वोट बैंक की राजनीति हो सकता है। JMM ने लगातार इस मुद्दे को खारिज किया है और दावा किया है कि अवैध प्रवासियों का कोई मुद्दा नहीं है। हालांकि, हालिया हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में साहिबगंज के जिला मजिस्ट्रेट ने 2017 से अब तक चार बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी और क्षेत्र में जनसांख्यिकी बदलाव की पुष्टि की है, जिसने सोरेन प्रशासन पर और भी सवाल खड़े किए हैं।