Shibu Soren bharat ratna: पूर्व सीएम शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग तेज, झारखंड विधानसभा में पारित प्रस्ताव

झारखंड आंदोलन के प्रखर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन - जिन्हें 'गुरुजी' के नाम से जाना जाता था
Shibu Soren Bharat ratna: झारखंड विधानसभा ने गुरुवार (28 अगस्त 2025) को एक अहम प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की गई। यह प्रस्ताव परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया।
शिबू सोरेन का निधन
4 अगस्त 2025 को 81 साल की उम्र में दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में शिबू सोरेन का निधन हो गया था। उनके निधन के साथ ही झारखंड और राष्ट्रीय राजनीति के एक बड़े युग का अंत हो गया। शिबू सोरेन ने न केवल झारखंड की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि आदिवासी आंदोलन को भी राष्ट्रीय पटल पर पहुंचाया।
पहले भी उठी थी भारत रत्न की मांग
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इससे पहले ही सरकार से अपील की थी कि विधानसभा के मानसून सत्र को ऐतिहासिक बनाया जाए और शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की सिफारिश पारित कर केंद्र को भेजी जाए।
JMM नेताओं ने कहा कि झारखंड की अस्मिता और अस्तित्व के लिए शिबू सोरेन का योगदान अविस्मरणीय है और यह सम्मान उनके नाम पर शोभा देगा।
सदन ने शिबू सोरेन के योगदान को याद किया
विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान बारिश और किसानों की समस्याओं पर भी बात हुई, लेकिन सदन ने एक सुर में शिबू सोरेन के योगदान को याद किया और केंद्र सरकार तक यह संदेश भेजा कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
शिबू सोरेन की जीवनी (Shibu Soren Biography in Hindi)
शिबू सोरेन (11 जनवरी 1944 – 4 अगस्त 2025) झारखंड की राजनीति और आदिवासी आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। उन्हें “दिशोम गुरु” (जनता के गुरु) के नाम से जाना जाता था। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई और अपने जीवन का अधिकांश समय आदिवासियों, किसानों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई में समर्पित कर दिया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जन्म: 11 जनवरी 1944, नेमरा गांव, गिरिडीह जिला (तत्कालीन बिहार, अब झारखंड)।
पिता: शिरीष सोरेन (जिनकी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी)।
कठिन परिस्थितियों में पले-बढ़े शिबू सोरेन ने बचपन से ही अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी।
राजनीतिक सफर
- 1972: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की।
- 1980: पहली बार लोकसभा सांसद बने।
- 15 नवंबर 2000: उनके लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद झारखंड राज्य का गठन हुआ।
- 2004: केंद्र सरकार में कोयला मंत्री बने।
- 2005, 2008 और 2009: तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
- लोकसभा और राज्यसभा में कई बार सांसद के रूप में जनता का प्रतिनिधित्व किया।
पारिवारिक जीवन
- पत्नी: रोपनी सोरेन
- बेटे: हेमंत सोरेन (झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, JMM नेता), बसंत सोरेन (विधायक)
- बेटियां: अंजलि सोरेन (राजनीति से जुड़ीं)
- परिवार पूरी तरह राजनीति में सक्रिय है और शिबू सोरेन की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
योगदान और विरासत
- झारखंड आंदोलन के सबसे बड़े नेता और “आदिवासियों की आवाज़” माने जाते हैं।
- उनकी पहचान हमेशा संघर्षशील नेता और जननायक के रूप में रही।
- उन्हें झारखंड का राजनीतिक पिता कहा जाता है।
निधन
- 4 अगस्त 2025, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
- उनके निधन से झारखंड और देश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया।
