youth club: प्रदेश के गांवों में बनेंगे 5500 यूथ क्लब, सरकार देगी वित्तीय मदद

हरियाणा के हर गांव में यूथ क्लब खोलने की सरकार ने नई पहल की।
youth club : प्रदेश सरकार ने युवाओं को संगठित कर ग्रामीण विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। सरकार ने राज्य के सभी 7356 गांवों में युवा मंडलों का एक संगठित नेटवर्क बनाए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2025 तक प्रत्येक जिले में 250 क्लबों का गठन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रदेशभर में लगभग 5500 नए यूथ क्लब अस्तित्व में आएंगे। इस संबंध में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से एक पत्र जारी कर सभी जिला युवा समन्वयक अधिकारियों और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ITI के प्रधानाचार्यों को तत्काल प्रभाव से इस पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों तक पहुंचाएंगे योजनाएं
यह पहल युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग के तत्वावधान में शुरू की गई है। इसका उद्देश्य युवाओं को सामाजिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक गतिविधियों से जोड़कर उनमें नेतृत्व क्षमता और सेवा भाव का विकास करना है। इन युवा मंडलों के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक मजबूत जन आंदोलन खड़ा करने की बात कही गई है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर आईटीआई के प्रधानाचार्यों को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो युवा कार्यक्रमों के सफल संचालन और निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे। ये युवक या युवती मंडल केवल नाम के लिए नहीं होंगे बल्कि ये गांवों में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनेंगे। इन मंडलों का कार्य समाज में नशा मुक्ति, कन्या भ्रूण हत्या और अंधविश्वास जैसी कुरीतियों के खिलाफ नुक्कड़ नाटकों, सेमिनारों और अभियानों का आयोजन करना, पौधारोपण कार्यक्रम चलाना और स्वच्छता अभियानों का नेतृत्व करना करना है। इसके अलावा रक्तदान शिविरों का आयोजन कर जीवन बचाने में मदद करना, ग्रामीण महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करना, राष्ट्रीय पर्वों और महापुरुषों की जयंतियों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर युवाओं में देशभक्ति का संचार करना व अन्य जागरूकता सेमिनार करना होगा।
29 साल तक के युवा बनेंगे सदस्य
इन युवा व युवती मंडलों में सदस्य बनने के लिए सदस्य की आयु 1 अप्रैल 2025 को 15 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रत्येक क्लब में कम से कम 10 या अधिकतम 20 सदस्य हो सकते हैं। सभी सदस्यों का माई भारत पोर्टल पर पंजीकरण किया जाना जरूरी है। क्लब में कम से कम 20 प्रतिशत सदस्य अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग से होंगे। इनके गठन के समय गांव के सरपंच और पंच की उपस्थिति अनिवार्य होगी। राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाने वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन गांवों में 1500 वोट हैं उनमें 10 से 20 सदस्य युवा मंडल में लिए जा सकते हैं। दो हजार वोट वाले गांव में 15 से 20 सदस्यों का चयन किया जा सकता है। इसी प्रकार दो हजार से अधिक वोट वाले गांव में बनने वाले युवा मंडल में 20 सदस्य शामिल हो सकते हैं।
वित्तीय सहायता के लिए यह करना होगा
यदि एक ग्राम पंचायत के अधीन कई गांव आते हैं तो हर गांव में एक युवा मंडल बनाया जाना प्रस्तावित है। यदि किसी गांव में एक से अधिक युवा मंडल हैं तो वहां युवा मंडल एक और युवा मंडल दो भी बनाए जा सकते हैं। यदि किसी युवा की उम्र 29 से अधिक हो जाती है तो उसके स्थान पर दूसरे सदस्य को 15 दिन के भीतर चुनना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो उस युवा मंडल या युवती मंडल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। एक परिवार से दो युवा मंडल में शामिल हो सकते हैं। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि युवा मंडल के सदस्यों के परिवार में से कोई भी वर्तमान की ग्राम पंचायत का प्रतिनिधि न हो। इन युवा मंडलों को हरियाणा सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2012 के तहत पंजीकरण करवाने का शुल्क मात्र 100 रुपये देना होगा। पंजीकरण के बाद सक्रिय रूप से कार्य करने वाले प्रत्येक युवा मंडल या युवती मंडल को 500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे क्लब के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी। लेकिन यह अनुदान उन्हें तभी मिलेगा जब क्लब हर महीने कम से कम एक बैठक और दो सामाजिक गतिविधियों का आयोजन कर उसकी रिपोर्ट विभाग को भेजेगा।
समिति करेगी मंडलों की निगरानी
इन मंडलों की कार्यप्रणाली की निगरानी के लिए हर जिले में डीसी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। इसमें नोडल प्रिंसिपल सदस्य सचिव और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सदस्य होंगे। यह समिति ये सुनिश्चित करेगी कि जिले में युवा मंडल के गठन के निर्धारित लक्ष्य को समय रहते पूरा किया जाए और केवल पात्र व सक्रिय युवा ही इन मंडलों से जुड़ें। निदेशालय ने अपने भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि ये मंडल पूरी तरह से गैर-राजनीतिक होंगे। इनका एकमात्र उद्देश्य समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण होगा। इस पहल से ग्रामीण युवाओं को न केवल अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच मिलेगा बल्कि वे अपने गांवों के विकास में एक जिम्मेदार भागीदार भी बन सकेंगे।
