यमुनानगर में लिव-इन पार्टनर की हत्या: शादी के दबाव पर काटी हिन्दू प्रेमिका की गर्दन, आरोपी आज करने वाला था दूसरी युवती से निकाह

Murder
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पुलिस की गिरफ्त में हत्या का आरोपी। 

शादी टूटने के डर से आरोपी महिला को यमुनानगर ले आया। उसने पहले सीट बेल्ट से गला घोंटकर महिला की हत्या की, फिर पहचान छिपाने के लिए तेजधार हथियार से उसकी गर्दन काट दी।

हरियाणा के यमुनानगर में बीते रविवार को प्रतापनगर के बहादुरपुर क्षेत्र में मिले महिला के सिर कटे शव की पहचान हो गई है। मृतक महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी उमा के रूप में हुई है, जो पिछले दो वर्ष से प्रेमी सहारनपुर के नकुड निवासी बिलाल के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। बिलाल के परिवार ने उसका निकाह कहीं और तय कर दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि आज रविवार को ही आरोपी की बारात जाने वाली थी। युवती की ओर से लगातार शादी के लिए दबाव बनाए जाने से परेशान होकर बिलाल ने अपनी प्रेमिका को रास्ते से हटाने की क्रूर योजना बनाई।

पहचान छिपाने को रची साजिश

बिलाल ने अपने निकाह से ठीक एक सप्ताह पहले उमा को खत्म करने की साजिश रची, 6 दिसंबर की रात आठ बजे वह उमा को घुमाने के बहाने गाड़ी में लेकर निकला और उसे यमुनानगर के प्रतापनगर स्थित बहादरपुर गांव ले आया। यहीं पर उसने पहले सीट बेल्ट का उपयोग करके उमा का गला घोंट दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद पहचान छिपाने के लिए उसने शव को खेतों में खींचा और तेजधार हथियार से उसकी गर्दन काट दी। हत्यारे ने क्रूरता की सारी हदें पार कर महिला के शरीर से सारे कपड़े उतार दिए और उसका कटा हुआ सिर और कपड़े साथ ले गया, जिसे उसने कलेसर के घने जंगल में फेंक दिया। शव मिलने के एक सप्ताह बाद पुलिस ने आरोपी बिलाल को गिरफ्तार कर लिया, जिसने पूछताछ में इस पूरी वारदात का खुलासा किया।

निकाह टूटने का डर बना हत्या का कारण

एसपी कमलदीप गोयल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बिलाल और उमा दो साल से एक साथ रह रहे थे। जब बिलाल के परिजनों ने उसका रिश्ता कहीं और तय कर दिया और उसके निकाह की तारीख नजदीक आई, तो उमा ने उस पर शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। बिलाल को डर था कि यदि उमा उसके निकाह वाले घर जाकर सारी बात बता देगी, तो उसका निकाह टूट जाएगा। इसी डर और परेशानी के कारण उसने उमा को रास्ते से हटाने का फैसला किया।

6 दिसंबर की रात यमुनानगर पहुंचने पर बिलाल बहाने से पिछली सीट पर गया और सीट बेल्ट ठीक करने का नाटक करते हुए उसी से युवती का गला घोंट दिया। हत्या के बाद वह गाड़ी को लगभग आधा किलोमीटर आगे ले गया और शव को एक नर्सरी के पास फेंककर तेजधार हथियार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।

यूपी नंबर की कार से मिली पहली कड़ी

हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी तक पहुंचने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही थी। जांच के दौरान सामने आया कि जिस जगह युवती का सिर कटा शव मिला था, वहां से कुछ ही दूरी पर रात करीब साढ़े 11 बजे एक यूपी नंबर की कार खड़ी दिखी थी। इस कार को कुछ स्थानीय लोगों ने भी देखा था।

कार बाद में अराइंवाला के एक सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई और फिर हथिनी कुंड बैराज के सीसीटीवी फुटेज में उसे उत्तर प्रदेश की ओर जाते हुए देखा गया। पुलिस ने आसपास के मोबाइल नंबरों का डंप निकाला, जिससे कुछ संदिग्ध नंबर सामने आए। इन सभी कड़ियों को जोड़ते हुए और खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित बिलाल तक पहुंची और उसे शनिवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया, जबकि अगले दिन (रविवार) उसकी बारात जानी थी। बिलाल चार भाइयों में से एक है।

मृतका पहले से थी विवाहित और एक बच्चे की मां

जांच में यह भी पता चला कि मृतका उमा पहले से ही शादीशुदा थी और एक बच्चे की मां थी, लेकिन वह कई सालों से अपने पति से अलग रह रही थी। उसका अपने परिवार वालों से भी कई वर्षों से कोई संपर्क नहीं था। बिलाल पेशे से ड्राइवर है और दो साल पहले सहारनपुर में ही इन दोनों की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद वे लिव-इन में रहने लगे थे। बिलाल ही उमा का सारा खर्च उठाता था। पुलिस ने उमा के परिजनों से संपर्क साधा है। एसपी ने बताया कि उमा के पिता और भाई को बुलाया गया था और शव का अंतिम संस्कार शुक्रवार को ही कर दिया गया था।

सिर और हत्या में इस्तेमाल हथियार की तलाश जारी

एसपी ने बताया कि बिलाल द्वारा हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार, कटा हुआ सिर और महिला के कपड़े अभी तक बरामद नहीं हो पाए हैं। पूछताछ में बिलाल ने बताया है कि उसने सिर को उत्तर प्रदेश जाते समय कलेसर के जंगल में फेंक दिया था, लेकिन अंधेरा होने के कारण वह सही जगह नहीं बता पा रहा है। पुलिस ने बिलाल को कोर्ट में पेश कर आठ दिन का रिमांड मांगा है, ताकि इस पूरे मामले से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य भी सामने आ सकें।

पांच दिन बाद हुआ पोस्टमॉर्टम

महिला की पहचान स्थापित न होने के कारण पुलिस को पांच दिन तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद शुक्रवार को सिविल अस्पताल यमुनानगर में दो डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। डॉक्टरों ने बताया कि इंटरनल पार्ट्स में कोई चोट नहीं मिली और शरीर पर किसी तरह के संघर्ष (स्ट्रगल) के निशान भी नहीं थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि गला काटे जाने से पहले ही महिला की मौत हो चुकी थी या वह बेहोश थी। विसरा और सीमन सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट 8-10 दिनों में आएगी। शिनाख्त न होने पर सेवा समिति ने बगैर सिर के अज्ञात शव मानकर पश्चिम यमुना नहर के पास श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया था।

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