Murder mystery: प्रेम संबंधों में ससुर बाधा बने तो प्रेमी से करवाई हत्या, खूब रोई तो पकड़ी गई

यमुनानगर में ससुर की हत्या के मामले में गिरफ्तार की गई आरोपी पुत्रवधु।
Murder mystery : यमुनानगर में प्रेम संबंधों पर पर्दा डालने के लिए एक पुत्रवधु ने खौफनाक साजिश रची। जुब्बल गांव के नजदीक घेसपुर कॉलोनी में 12 सितंबर को 65 वर्षीय ओमप्रकाश की हत्या में पुलिस ने जो खुलासा किया, उसने सभी को चौका दिया। मृतक की पुत्रवधु ललिता ने ही अपने प्रेमी करतार सिंह के साथ मिलकर ससुर को मौत के घाट उतारा था। ससुर की मौत के बाद रोने व आरोप लगाने का सबसे ज्यादा ड्रामा पुत्रवधु ने ही किया था। इसलिए पुलिस को उस पर शुरू से ही शक हो गया था। आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर ले लिया है। रिमांड के दौरान आरोपियों से हत्या में प्रयोग किए हथियार को बरामद किया जाएगा।
बहू के अवैध संबंधों का हो गया था खुलासा
डीएसपी रजत गुलिया ने बताया कि ललिता का तीन साल से करतार सिंह के साथ प्रेम प्रसंग था। यह बात उसके ससुर ओमप्रकाश को पता चल गई थी, जिसके बाद वे दोनों के रिश्ते का विरोध करने लगे। ललिता और करतार ने मिलकर ओमप्रकाश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। प्रेमी करतार सिंह 12 सितंबर को रात 12 बजे के बाद तेजधार हथियार लेकर भेड़ों के बाड़े में घुसा। वहां पर ललिता का ससुर सोया हुआ था। प्रेमी करतार सिंह ने ससुर ओमप्रकाश की गर्दन पर कई वार किए और हथियार लेकर वहां से फरार हो गया। इसके बाद सुबह पुत्रवधू ने रोने का नाटक करते हुए गांव के पांच अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगा दिया।
पुत्रवधु ने सख्त पूछताछ में राज खोला
पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए अपराध शाखा वन की टीम ने इस मामले का खुलासा किया। आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रभारी अपराध शाखा-वन ने उप निरीक्षक शुभम, एएसआई विरेन्द्र कुमार, एएसआई संतोष कुमार, एएसआई आजाद, मुकेश कुमार, अमरजीत सिंह, महिला सिपाही बलकेश कुमारी की टीम गठित की हुई थी। जिस टीम ने मृतक ओम प्रकाश की पुत्रवधु ललिता वासी गांव जुब्बल को काबू किया वा उससे इस हत्या का घटना बारे गहनता से पूछताछ की। जिसने पूछताछ पर अपना अपराध कबूल कर लिया है।
19 अगस्त को पोते की भी हुई थी मौत
ओमप्रकाश की हत्या से पहले 19 अगस्त को उनके पोते अंकुश की भी पश्चिमी यमुना नहर में डूबने की वजह से मौत हो गई थी। अंकुश का शव 7 दिन बाद करनाल की नहर में मिला था। परिवार ने इस घटना में गांव के ही चार-पांच लोगों पर भेड़ मरने के विवाद में उसे नहर में धक्का देने का आरोप लगाया था। हालांकि जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या मान लिया था। परिजनों ने ओमप्रकाश की हत्या के बाद यह भी आरोप लगाया था कि अंकुश की मौत के मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस वजह से आरोपियों का हौसला बढ़ गया और अब गला काटकर हत्या कर दी गई। लेकिन अब यह सारे आरोप झूठे निकले।
