यमुनानगर: तीन तलाक के बाद पति ने प्रॉपर्टी के लिए जिंदा पत्नी को कागजों में मार डाला

तीन तलाक देकर जिंदा पत्नी को मरा दिखाया।
हरियाणा के यमुनानगर जिले में धोखाधड़ी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पति ने अपनी जिंदा पत्नी समीना को सरकारी कागजात में मृत घोषित करवा दिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब महिला अपना राशन लेने डिपो पर गई और उसका नाम राशन कार्ड से कटा मिला। पति ने दूसरी शादी करने के लिए महिला को तीन तलाक दिया था, और महिला का आरोप है कि पति ने प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगने के डर से यह फर्जीवाड़ा किया।
तलाक के बाद बच्चों के लिए पैसे नहीं दे रहा था
बुड़िया थाने के अंतर्गत रहने वाली समीना की शादी करीब 15 साल पहले दयालगढ़ के लियाकत से हुई थी और उनके तीन बच्चे भी हैं। समीना ने पुलिस को बताया कि साल 2016 में लियाकत को दूसरी महिला पसंद आ गई थी। उससे निकाह करने के लिए लियाकत ने समीना को तीन तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया। तलाक के बाद लियाकत बच्चों के पालन-पोषण के लिए पैसे नहीं दे रहा था। लियाकत कागजों में समीना का पति था, इसलिए बच्चों के हक के लिए समीना ने उसके खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया, जो अभी भी चल रहा है।
पति-ससुर ने बनवाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट
महिला का आरोप है कि लियाकत ने कानूनी झंझटों और प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी के डर से यह आपराधिक साजिश रची। पीड़िता के अनुसार लियाकत और उसके ससुर यूसुफ ने करीब 3 साल पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित सरसावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से समीना का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। इस फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर समीना को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना बंद हो गया और राशन कार्ड समेत अन्य कागजों से उसका नाम काट दिया गया। उसकी जगह दूसरी महिला का नाम राशन कार्ड में दर्ज करवा दिया गया था।
राशन अब भी ले जाता है पति
खुद को कागजों में मृत पाए जाने के बाद समीना ने अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद उसके दस्तावेज तो ठीक हुए, लेकिन समस्या खत्म नहीं हुई है। समीना ने करीब 5 महीने पहले डीसी और एसपी को शिकायत दी। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई किया और फैमिली आईडी में उसका नाम दोबारा दर्ज किया। इसके बाद उसे राशन मिलना शुरू हो गया।
हालांकि, समीना की शिकायत है कि राशन कार्ड अब भी पति लियाकत के पास है और वह उससे पहले ही डिपो पर जाकर उसके नाम का राशन उठा लेता है, जिससे उसके बच्चों को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
धोखाधड़ी का केस दर्ज
समीना ने अब इस धोखाधड़ी के लिए अपने पति और अन्य लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। समीना का आरोप है कि फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने की साजिश में पति लियाकत, ससुर यूसुफ और गांव के नंबरदार राजकुमार भी शामिल थे। समीना को इंसाफ के लिए कई महीने भटकना पड़ा। शिकायत देने के 5 माह बाद अब पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्र से यह फर्जी सर्टिफिकेट कैसे जारी किया गया और इस पूरी साजिश में कौन-कौन शामिल था।
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