होमगार्ड जवान रिश्वत लेते गिरफ्तार: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने यमुनानगर में दबोचा, क्लर्क फरार

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने यमुनानगर में दबोचा, क्लर्क फरार
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यमुनानगर में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया होमगार्ड।

मुंशी के कहने पर होमगार्ड माइनिंग की गाड़ी छोड़ने के एवज में 10 हजार रुपये ले रहा था। शिकायतकर्ता ने बताया कि मुंशी ने पहले 15 हजार मांगे थे। एसीबी की टीम ने शिकायत मिलने पर जाल बिछाया। पुलिस अब फरार मुंशी की तलाश कर रही है।

हरियाणा के यमुनानगर में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है, जहां एक होमगार्ड जवान को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने धर दबोचा। यह गिरफ्तारी माइनिंग की एक गाड़ी को छोड़ने की एवज में रिश्वत लेने के दौरान हुई। इस मामले में पुलिस चौकी का मुंशी, जिसके इशारे पर होमगार्ड रिश्वत ले रहा था, मौके से फरार हो गया। गिरफ्तार होमगार्ड की पहचान बमनौली निवासी सुमित के रूप में हुई है, जबकि फरार मुंशी करनाल के लोकेश राणा बताया जा रहा है।

गाड़ी छुड़वाने के लिए मांगी रिश्वत

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता गांव जाटोवाला निवासी आरिफ की एक माइनिंग गाड़ी को माइनिंग विभाग ने रणजीतपुर में एक महीने पहले जब्त कर लिया था। यह गाड़ी रणजीतपुर पुलिस चौकी में खड़ी थी। आरिफ ने गाड़ी छुड़वाने के लिए बिलासपुर कोर्ट में अपील की थी, जहां से उसे 15 मई को गाड़ी छोड़ने के आदेश मिल गए थे। कोर्ट के आदेश मिलने के बाद जब आरिफ रणजीतपुर चौकी पहुंचा और मुंशी लोकेश राणा से मिला तो मुंशी ने गाड़ी को छोड़ने के बदले में होमगार्ड सुमित के माध्यम से 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। आरिफ ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, लेकिन मुंशी अपनी मांग पर अड़ा रहा।

सौदेबाजी के बाद 10 हजार में तय हुई बात

शिकायतकर्ता आरिफ ने बताया कि उसने मुंशी को तीन हजार रुपये देने की पेशकश की, लेकिन वह नहीं माना। काफी बातचीत और दबाव के बाद आखिरकार 10 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। इस भ्रष्टाचार से परेशान होकर आरिफ ने पंचकूला स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ने की योजना बनाई। टीम ने आरिफ को रिश्वत की राशि देकर चौकी भेजा और इशारा करने को कहा ताकि वे मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर सकें।

होमगार्ड गिरफ्तार, मुंशी फरार

जब आरिफ रणजीतपुर चौकी पहुंचा, तो वहां मुंशी लोकेश राणा मौजूद नहीं था। आरिफ ने होमगार्ड सुमित को पैसे दिए और तुरंत टीम को इशारा कर दिया। इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने मौके पर पहुंचकर होमगार्ड सुमित को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम ने रात एक बजे तक रणजीतपुर चौकी में कार्रवाई की और गिरफ्तार होमगार्ड को अपने साथ ले गई। वहीं, इस मामले के मुख्य आरोपी, मुंशी लोकेश राणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें जुट गई हैं। एसीबी अब फरार मुंशी की तलाश कर रही है ताकि इस पूरे भ्रष्टाचार के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। यह घटना पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है और एसीबी की सक्रियता को दर्शाती है।

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