यमुनानगर में स्टेट हाईवे जाम: टूटी सड़क पर फूटा किसानों का गुस्सा, जाम लगाया तो आया प्रशासन

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यमुनानगर में कुरुक्षेत्र हाईवे पर जाम लगाकर बैठे किसान नेता। 

हरियाणा के यमुनानगर में शासन और प्रशासन द्वारा बार-बार झूठे आश्वासनों पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। कई किसान संगठनों ने सड़क पर जाम लगाया तो पूरा प्रशासन हरकत में आ गया।

यमुनानगर में स्टेट हाईवे जाम : हरियाणा के यमुनानगर के दामला क्षेत्र की बदहाल सड़क को लेकर मंगलवार को किसानों का सब्र जवाब दे गया। सड़क की खस्ताहालत और प्रशासन की उदासीनता से नाराज किसानों ने स्टेट हाईवे पर जोरदार प्रदर्शन कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। हल्की बूंदाबांदी के बीच किसान सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

एक किलोमीटर सड़क की हालत बेहद खराब

करीब एक किलोमीटर लंबे हिस्से में सड़क की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को न्योता दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन और संबंधित विभागों को शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा यह रहा कि किसान संगठनों ने सामूहिक रूप से सड़क पर उतरने का फैसला लिया। प्रदर्शन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (राकेश टिकैत गुट) के सुभाष गुर्जर ने की। मौके पर बाद में भाकियू चढूनी गुट के नेता व सदस्य भी पहुंच गए और समर्थन जताया। किसानों ने शुरुआत में सड़क के किनारे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया।

एक घंटे में गड्ढे भरने का दिया आश्वासन

सड़क अवरुद्ध होने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग अपने काम-धंधे पर नहीं पहुंच पाए और स्कूली बच्चों व मरीजों को भी दिक्कतें उठानी पड़ीं। घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी राजीव मिगलानी व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत की और सड़क की तत्काल मरम्मत कराने का भरोसा दिलाया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि एक घंटे के भीतर गड्ढे भरे जाएंगे और जल्द ही स्थायी समाधान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

सड़क फोरलेन बनाने की घोषणा सिर्फ कागजों में

किसानों का आरोप है कि यह सड़क कुरुक्षेत्र को जोड़ती है और सरकार कई सालों से इसे फोरलेन करने की बात कर रही है। लेकिन अब तक न तो कोई निर्माण कार्य शुरू हुआ और न ही अस्थायी तौर पर गड्ढे भरे गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेताया था कि यदि 28 जुलाई तक काम नहीं शुरू हुआ तो सड़क जाम किया जाएगा। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ा।

अगली बार और बड़ा आंदोलन होगा

धरना समाप्त करते हुए किसानों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि कुछ ही दिनों में स्थायी समाधान नहीं हुआ तो अगली बार आंदोलन और व्यापक रूप में होगा। उन्होंने कहा कि केवल गड्ढे भरना स्थायी समाधान नहीं है, बल्कि पूरी सड़क को नए सिरे से बनाना ही एकमात्र विकल्प है। इस विरोध में भाकियू चढूनी गुट के जिला प्रधान संजू, मास्टर जरनैल सिंह, मनदीप रोड, गुरवीर सिंह, उमेश बुबका, विक्रांत, जसवीर, धर्मवीर, सुरेश पाल, कर्मबीर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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