यमुना स्वच्छता अभियान: दिल्ली व हरियाणा की संयुक्त समिति सुधारेगी यमुना के हालात, 9 STP बनेंगे

cm nayab singh saini
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दिल्ली में यमुना स्वच्छता अभियान पर आयोजित बैठक में मौजूद केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, मनोहर लाल व सीएम नायब सिंह सैनी।

हरियाणा और दिल्ली की एक बड़ी समस्या यमुना के प्रदूषण को दूर करने के लिए दोनों राज्य मिलकर प्रयास करेंगे। इसके लिए संयुक्त समिति गठित की जाएगी। जानें क्या है पूरी योजना।

यमुना स्वच्छता अभियान : नई दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन रिलेटेड टू यमुना वाटर रेजुविनेशन को लेकर अहम बैठक हुई। बैठक में केन्द्रीय शहरी आवास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल भी उपस्थित थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि मां गंगा की तर्ज पर यमुना नदी को भी स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए सीडब्ल्यूसी, हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त समिति गठित की जाएगी। यह समिति यमुना नदी की सफाई के साथ-साथ इससे संबंधित अन्य समस्याओं के समाधान पर भी कार्य करेगी।

16 हजार मीट्रिक टन कचरा निकाल चुके

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि यमुना नदी के सफाई अभियान के तहत अब तक 16 हजार मीट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है। यमुना की स्वच्छता दोनों सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता है और शीघ्र ही जनता यमुना नदी का स्वच्छ रूप देख सकेगी।

44 एसटीपी बनाकर सुधार रहे यमुना का पानी

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि करनाल जिले के पल्ला गांव से यमुना नदी में गिरने वाली ड्रेन का बीओडी स्तर 80 है। इस पानी को और अधिक स्वच्छ बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के ओखला में यमुना नदी के पानी के बीओडी स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसकी गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए 44 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे प्रतिदिन लगभग 620 एमएलडी पानी शुद्ध किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 510 एमएलडी पानी को स्वच्छ बनाने के लिए 9 और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।

प्रदूषित पानी यमुना में न डाला जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और पानी को लेकर किसी भी तरह की राज्यों की कोई सीमाएं नहीं होती। इसके लिए दोनों राज्यों को मिलकर कार्य करना होगा तभी यमुना नदी को पूर्ण रूप से स्वच्छ एवं साफ बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदूषित पानी सीधे रूप से यमुना नदी में न डाला जाए। इसके लिए अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नजफगढ़ झील व ड्रेन की भी मॉनिटरिंग करने के लिए दिल्ली व हरियाणा के प्रतिनिधियों व विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी तथा हरियाणा के उद्योगों से निकलने वाले दूषित पानी के बीओडी लेवल की भी जांच की जाएगी। बैठक में केंद्रीय सचिव देवश्री मुखर्जी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेन्द्र कुमार, हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनित गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंचाई विभाग अनुराग अग्रवाल सहित सिंचाई एवं पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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